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मोच आने पर हल्दी का उपयोग | Moch aane par haldee ka upayog | Use of turmeric for sprains

मोच आने पर हल्दी का उपयोग

मोच
  • हल्दी 10-15 ग्राम, गेहूँ का आटा तथा जरा सा नमक मिलाकर तिल या सरसों के तेल में भूनकर पुल्टिस बनाकर मोच पर बाँधने से बहुत लाभ होता है।
  • मोच चोट लगने पर दो सौ ग्राम दूध में 10-12 ग्राम हल्दी उबालकर पिला दें।
  • हल्दी और आक (अकौङा) के जङ की पतली सी छाल, बराबर मात्रा में लेकर तेल में भून लें। इसे आक के पत्ते पर रखकर थोङ गर्म ही मोच पर बाँध दें।
  • आक के पत्ते को सीधी (मुलायम) तरफ से हल्दी तेल में सानकर कुछ देर सिकाई करके बाँध दें।
  • हल्दी 10 ग्राम, नमक या पुराना गुङ व गेहूँ के आटे को दूध में घोल कर मालपुआ तलकर रोगी को खिला दें। गेहूँ के आटे में नमक व हल्दी डालकर पानी या मिल सके तो आक के 30 से 50 ग्राम दूध में घोल कर तेल में पुआ बनाकर मोच पर बाँध दें।
  • मोच के स्थान पर सरसों को तेल लगाकर उस पर हल्दी पाउडर छिङकें तथा छोटे तौलिए से ढक दें। एक कपङे में नमक की पोटली बाँध लें। इसे गरम तवे पर गरम करके तौलिए के ऊपर से सहने योग्य डेढ घंटे तक सिकाई करें। सुबह मोच नहीं के बराबर रह जाएगी।
  • गर्म घी या तेल में हल्दी डालकर स्त्री के सिर के बाल उसमें डालकर मोच की उससे सिकाई करें और बाँध दें।
  • नारियल को महीन पीसकर उसमें चौथाई भाग हल्दी चूर्ण मिलाकर पोटली बाँधकर आग पर गर्म करके मोच पर सिकाई करें। सोते समय गुनगुना गर्म करके मोच पर बाँध दें।
  • हल्दी चूर्ण 5 ग्राम को बेसन या गेहूँ के 10 ग्राम आटे में मिलाकर थोङे से तिल या अलसी या सरसों के तेल में भूनकर पुल्टिस बनाकर मोच वाली जगह पर हल्की गर्म बाँध दें। मोच में शीघ्र लाभ पहुँचता है। मोच की सूजन दूर करके रक्त संचार खोल देता है।
  • हल्दी, चूना, शहद या गुङ – इन तीनों को मिलाकर चोट-मोच पर गहरा लेप करने से दर्द अति शीघ्र खिंच जाता है।
  • आंबा हल्दी व चोट सज्जी, इनको पीसकर गर्म करके बांधने से चोट का दर्द व सूजन दूर हो जाती है।

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