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चंपा के हिन्दू राज्य का इतिहास

चंपा के हिन्दू राज्य का इतिहास

चंपा के हिन्दू राज्य की स्थापना ईसा पूर्व की दूसरी अथवा तीसरी शती में हुई। प्रारंभिक शासकों में भद्रवर्मन का नाम प्रसिद्ध है। उसके राज्य में आधुनिक अनाम सम्मिलित था। उसने अपने राज्य का विभाजन तीन प्रान्तों में किया – अमरावती (उत्तरी प्रांत),विजय (मध्यवर्ती),तथा पाण्डुरंग (दक्षिणी)।

चीनियों के विरुद्ध भी उसने सफलता प्राप्त की। वह विद्वान तथा निर्माता था, जिसने माईसोन में भगवान शिव के मंदिर का निर्माण करवाया था। उसका उत्तराधिकारी गंगाराज हुआ, जो अपने शासन के अंत में सिंहासन त्याग कर भारत में गंगा नदी के तट पर तपस्या करने के लिये चला आया। इसके बाद चंपा में गृहयुद्ध एवं अव्यवस्था फैल गयी। हमें चंपा के विभिन्न राजवंशों से संबंधित कई राजाओं के नाम ज्ञात होते हैं, जैसे – शंभुवर्मन्, सत्यवर्मन्, इन्द्रवर्मन्, हरिवर्मन्, सिंहवर्मन्, आदि।

चंपा के ऊपर प्रायः कम्बुज आदि राज्यों के आक्रमण भी होते रहे। जयवर्मन् ने चंपा को जीत लिया था। तेरहवीं शती में इसे मंगोल आक्रमण का शिकार होना पङा।

References :
1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव 

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