इतिहासप्राचीन भारतवर्द्धन वंशहर्षवर्धन
हर्षवर्धन एवं कश्मीर के संबंध
कश्मीर पर हर्ष का अधिकार था। हर्ष ने यह सुना कि कश्मीर में भगवान बुद्ध का एक दाँत है। वह स्वयं कश्मीर की सीमा पर आया तथा उसने दाँत के दर्शन और पूजा के लिये कश्मीर के राजा से आज्ञा माँगी।
हर्ष द्वारा किये गये युद्ध तथा विजयें।
परंतु बौद्ध संघ ने इसे स्वीकार नहीं किया। इस पर कश्मीर नरेश ने स्वयं मध्यस्थता करके दाँत को हर्ष के सम्मुख कर दिया। उसे देखते ही शिलादित्य अर्थात् हर्ष श्रृद्धा-विह्लल हो उठा तथा बल प्रयोग करके दाँत को अपने साथ उठा ले गया। परंतु इस कथन से हर्ष की कश्मीर विजय के बारे में कोई निष्कर्ष नहीं निकलता है। कश्मीर का राजा बौद्ध धर्मावलंबी था।
References : 1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
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