कुष्ठ रोग में हल्दी का उपयोग कैसे करें | Kushth rog mein haldee ka upayog kaise karen | How to use turmeric in leprosy
कुष्ठ रोग में हल्दी का उपयोग –
एक बोतल स्प्रिट में 125 ग्राम हल्दी चूर्ण डालकर बोतल में ढक्कन लगाकर धूप में 3-4 घंटे रखने पर टिंचर तैयार हो जाता है। सुबह-शाम इसे कोढ पर लगाने से कुछ ही दिनों में लाभ होने लगता है।
हल्दी चूर्ण को शहद में मिलाकर मटर के बराबर गोलियाँ बनाकर सुबह शाम चूसें। एग्जीमा की यह उत्तम औषधि है।
हल्दी और सरसों बराबर मात्रा में लेकर तेल निकलवा लें और इसे कोढ पर लगाएँ।
हल्दी आधा किलो को कूट पीस कर सोलह गुना पानी में इतना पकाएँ कि एक किलो रह जाए तो इसे छान कर आधा किलो सरसों के तेल में मंदी आँच पर पानी जलने तक पकाएँ। इस तेल को कोढ व चर्म रोग पर लगाएँ।
हल्दी चूर्ण को पानी में घोल कर या हल्दी गाँठ को पत्थर पर घिसकर एग्जीमा या छाजन पर गाढा लेप करने से पुराना रोग भी दूर हो जाता है। चाय व नमक कम कर दें, शराब व मिल की सफेद शक्कर खाना छोङ दें।

हल्दी चूर्ण गाय के दूध में मिलाकर या फँकी लेकर दूध पीने व हल्दी मिला दूध सफेद दाग पर लगाने से सप्ताह भर में दाग बढने से रुक जाएँगे। छः महीने या एक साल तक यह प्रयोग नियमित करते रहने से दाग पूर्ण रूप से मिट जाएँगे।

आमा हल्दी 10 ग्राम, 30 मी.ली.मंजिष्ठादि क्वाथ के साथ दिन में 2-3 बार देने से दाद, खाज, खुजली तथा कोढ आदि में बहुत लाभप्रद है।
हल्दी, सोना गेरू, शीतल चीनी, बाचवी इनको समान मात्रा में लेकर पीसकर छान लें। नित्य रात को काँच के आधा गिलास पानी में तीन चम्मच चूर्ण भिगो दें। प्रातः निथार कर दो चम्मच शहद मिलाकर पीएँ, जो नीचे गाढ रह जाए उसे सफेद दागों पर लंबे समय तक लगाने से लाभ होगा।
हल्दी चूर्ण 3 ग्राम को गाय के मूत्र में मिलाकर पीने से सफेद दाग मिट जाते हैं।
केले के पत्तों की राख तथा उसके बराबर हल्दी लेकर दोनों को पानी में पीसकर उसका लेप करने से सफेद दाग मिट जाते हैं।