अर्जुन लाल सेठी कौन था
अर्जुन लाल सेठी (1880-1941 ई.) – अर्जुनलाल सेठी का जन्म जयपुर में एक जैन परिवार में हुआ था। 1902 ई. में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी.ए. करने के बाद उसने चौमू ठाकुर देवीसिंह के निजी सचिव के रूप में कार्य किया, किनतु शीघ्र ही उसने यह पद त्याग दिया। 1907 ई. में उसने अजमेर में जैन शिक्षा सोसाइटी स्थापित की, जिसे 1908 में जयपुर स्थानान्तरित कर दिया तथा एक वर्धमान विद्यालय और छात्रावास भी जयपुर में खोला। वह दक्षिण भारत भी गया और अपनी शिक्षा संस्था के संबंध में जानकारी दी। जयपुर का वर्धमान विद्यालय प्रत्यक्ष में तो एक धार्मिक विद्यालय ही था, लेकिन वास्तव में यहाँ क्रांतिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता था। उनके शिष्यों ने धन प्राप्त करने के लिए बिहार में मिनाज स्थिर जैन उपासरे को लूटने की योजना बनायी। 20 मार्च, 1913 ई. को उपासरे के महन्त व उसके नौकर की हत्या कर दी गयी, किन्तु इस लूट में कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ।

23 दिसंबर, 1912 ई. को कङी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद भारत के वायसराय लॉर्ड हार्डिंग्ज पर बम फेंका गया। इस संबंध में 13 व्यक्ति गिरफ्तार किया गये। सरकारी गवाह अमीरचंद ने अदालत को बताया कि इस बम काण्ड की योजना अर्जुनलाल सेठी के मस्तिष्क की देन थी। अतः सेठी को गिरफ्तार कर लिया गया। सबूत के अभाव में उन पर कोई मुकदमा नहीं बना तब अँग्रेजों के कहने पर जयपुर महाराजा ने सेठी को सार्वजनिक शांति के लिये खतरा बताकर पाँच वर्ष तक जेल में बंद रखा। 1920 ई. में उन्हें रिहा कर दिया गया और कुछ वर्षों बाद वह काँग्रेस में शामिल हो गये, लेकिन 10-12 वर्षों के बाद वे काँग्रेस से अलग हो गये। अपनी दयनीय आर्थिक स्थिति के कारण वे अजमेर में ख्वाजा की दरगाह में मुस्लिम बच्चों को अरबी-फारसी पढाकर जीवनयापन करने लगे। 1941 ई. में यहीं उनका देहान्त हो गया, तब दरगाह के लोगों ने उन्हें मुसलमान समझकर दफना दिया।
References : 1. पुस्तक - राजस्थान का इतिहास, लेखक- शर्मा व्यास

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