भीतरगाँव का मंदिर क्यों प्रसिद्ध है
भीतरगाँव का मंदिर उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण ईंटों से किया गया है। मंदिर एक वर्गाकार चबूतरे पर बनाया गया है। इसका गर्भगृह वर्गाकार है। गर्भगृह के सामने मंडप है। देवगढ के मंदिर दशावतार के समान भीतरगाँव का मंदिर भी शिखरयुक्त है, जिसका शिखर लगभग 70 फुट ऊँचा था।

शिखर में चैत्याकार मेहराब बनाये गये हैं। बाहरी दीवारों में बने ताखों में हिन्दू देवी-देवताओं जैसे – गणेश, आदिवराह, दुर्गा, नदी देवता आदि की मृण्मूर्तियाँ रखी गयी हैं । साथ ही साथ दीवारों को रामायण, महाभारत एवं पुराणों के विविध आख्यानों से सजाया गया है। संपूर्ण रचना भव्य एवं आकर्षक है। भारत में प्राप्त डाट-पत्थर मेहराब का प्राचीनतम उदाहरण होने के साथ-2 भीतरगाँव का मंदिर ईंट निर्मित भवन का भी सबसे प्राचीन उदाहरण प्रस्तुत करता है।
मध्य प्रदेश के रायपुर जिले के सिरपुर नामक स्थान से ईंटों द्वारा निर्मित एक अन्य मंदिर प्राप्त होता है, जिसका मात्र गर्भगृह अवशिष्ट है। इसे लक्ष्मण मंदिर कहा जाता है। तथा इसका वास्तु भीतरगाँव मंदिर के ही समान है। प्रवेश-द्वार पर, डाट तथा चौखट के ऊपर गुप्तकालीन अलंकरण उत्कार्ण मिलते हैं। इसी मंदिर के समीप से ईंटों के बने हुए दो और मंदिरों – राम और जानकी मंदिर के अवशेष भी प्राप्त होते हैं।
भीतरगाँव से संबंधित महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उत्तर
गुप्त काल में बना ईंटों से प्रसिद्ध मंदिर कौनसा है
भीतरगाँव का मंदिर कहाँ स्थित है
देवगढ का दशावतार मंदिर कहाँ स्थित है
ईंट निर्मित भवन का सबसे प्राचीन उदाहरण प्रस्तुत करने वाला मंदिर कौनसा है
Reference : https://www.indiaolddays.com