प्राचीन भारत
- जून- 2020 -22 जून
हितोपदेश की रचना किसने की थी
भारतीय कथाओं का यह दूसरा प्रसिद्ध ग्रंथ है, जिसकी रचना पंचतंत्र शैली पर ही की गयी है। इसके रचनाकार का…
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पंचतंत्र की रचना किसने की
पंचतंत्र एक प्रसिद्ध कथा-संग्रह है, जिसमें प्राचीन काल की अनेक कथाओं का संकलन किया गया है। इसके संकलनकर्त्ता विष्णु शर्मा…
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गुणाढ्य की रचनायें
प्राचीन साहित्य के कथाकारों में गुणाढ्य का नाम सर्वप्रथम उल्लेखनीय है। वह सातवाहन नरेश हाल (प्रथम-द्वितीय शती.)का दरबारी कवि था।…
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कल्हण की रचनायें
कश्मीरी कवि कल्हण तथा उनके ग्रंथ राजतरंगिणी का ऐतिहासिक दृष्टि से सर्वाधिक महत्त्व है। इस ग्रंथ की रचना कश्मीर नरेश…
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हेमचंद्र नामक विद्वान के बारे में जानकारी
हेमचंद्र का आविर्भाव बारहवीं शती में हुआ तथा ये गुजरात के चौलुक्य शासकों जयसिंह एवं कुमारपाल की सभा में निवास…
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विल्हण नामक विद्वान के बारे में जानकारी
विल्हण कल्याणी के चालुक्यवंशी शासक विक्रमादित्य षष्ठ (1076-1127ई.) की राजसभा में निवास करते थे।
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पद्मगुप्त “परिमल” नाटककार के बारे में जानकारी
ऐतिहासिक कवियों में पद्मगुप्त परिमल का नाम सर्वप्रथम उल्लेखनीय है, जो धारा के परमारवंशी शासक मुंज (992-998ई.) की राजसभा में…
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दंडी नामक संस्कृत के महान नाटककार
बाण के बाद दंडी संस्कृत गद्य साहित्य के प्रसिद्ध लेखक माने जाते हैं। वे कांची के पल्लव नरेश नरसिंह वर्मा…
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राजशेखर संस्कृत भाषा के महान नाटककार थे
राजशेखर कन्नौज के प्रतिहार वंशी राजाओं महेन्द्रपाल (890-908ई.) तथा उसके पुत्र महीपाल (910-940ई.) की राजसभा में निवास करते थे। वे…
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भवभूति संस्कृत के महान नाटककार थे
संस्कृत के नाटककारों में कालिदास की बराबरी करने की क्षमता भवभूति में ही दिखाई देती है। उनका आविर्भाव 700 ई.…
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