प्राचीन भारत
- दिसम्बर- 2019 -13 दिसम्बर
परमार राजा भोज के द्वारा किये गये युद्ध एवं विजयें
भोज का सर्वप्रथम संघर्ष कल्याणी के चालुक्यों के साथ हुआ। प्रारंभ में उसे सफलता मिली। तथा गोदावरी नदी के आस-पासका…
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परमार वंश के सिंधुराज का इतिहास
नवसाहसांकचरित से पता चलता है, कि सिंधुराज ने कुंतलेश्वर द्वारा अधिग्रहीत अपने राज्य को तलवार के बल पर पुनः अपने…
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परमार वंश के शासक वाक्पति मुंज का इतिहास
प्रबंधचिंतामणि में उसके जन्म के विषय में एक अनोखी कथा मिलती है। इस कथा के अनुसार सीयक को बहुत दिन…
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स्वतंत्र परमार साम्राज्य की स्थापना : हर्ष अथवा सीयक द्वितीय (945 – 972 ईस्वी)
इस समय प्रतिहार साम्राज्य पतन की अवस्था में था। इस स्थिति का लाभ उठाते हुये सीयक ने मालवा तथा गुजरात…
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मालवा का परमार वंश के इतिहास के साधन
परमारवंश का इतिहास हम अभिलेख, साहित्य तथा विदेशी विवरणों के आधार पर ज्ञात करते हैं। इस वंश के अभिलेखों में…
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तराइन के प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय युद्धों का वर्णन
12 वीं शता. में दिल्ली पर शाकंभरी शाखा के चौहान वंश के शासक पृथ्वीराज चौहान का शासन था, जो एक…
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तराइन का प्रथम एवं द्वितीय युद्ध कब लङा गया
मुहम्मद गोरी ने 1186 में गजनवी वंश के अंतिम शासक से लाहौर की गद्दी छीन ली और वह भारत के…
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मुहम्मद गौरी का आक्रमण और चौहान साम्राज्य का अंत
इस युद्ध में पृथ्वीराज की एक भयंकर भूल यह हुई की उसने अपनी अदूरदर्शिता का परिचय दियी तथा भागती हुई…
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शाकंभरी के चौहान वंश का राजनैतिक इतिहास
जांगलदेश के पहले राजा का नाम वासुदेव था। जिसने अजमेर के उत्तर में सांभर (शाकंभरी) क्षेत्र पर अपना अधिकार कर…
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चौहान शासक पृथ्वीराज चौहान (1177-1192 ईस्वी)
चौहान शासक सोमेश्वर की मृत्यु के बाद उसकी रानी कर्पूरदेवी से उत्पन्न पृथ्वीराज चौहान वंश का सबसे प्रतापी शासक था।…
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