प्राचीन भारत
- नवम्बर- 2019 -10 नवम्बर
पाल युगीन कला एवं स्थापत्य का इतिहास
तारानाथ के अनुसार इस वंश के संस्थापक राजा गोपाल ने नालंदा में बौद्ध विहार बनवाया था। उसने सोमपुरी तथा ओदंतपुरी…
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सेन शासकों का इतिहास
पालों के बाद सेन परिवार ने बंगाल पर शासन किया। उसका संस्थापक सामंतसेन था, जिसे ब्रह्मक्षत्रिय कहा जाता था। ब्रह्मक्षत्रिय…
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उत्तर भारत के प्रमुख राजवंश – प्रतिहार,पाल, राष्ट्रकूट
750-1000 ईस्वी के मध्य उत्तर भारत और डेक्कन में कई शक्तिशाली साम्राज्यों का उदय हुआ था। जिनमें पाल, प्रतिहार और…
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राष्ट्रकूट शासकों का इतिहास में योगदान
दांतिदुर्ग ने अपना जीवन चालुक्यों के सामंत के रूप में प्रारंभ किया था। उसने एक दीर्घकालीन राज्य की नींव रखी।…
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पाल वंश के शासकों का इतिहास
ऐसी अराजकतापूर्ण स्थिति में बंगाल के मुख्य लोगों ने गोपाल को समूचे राज्य का शासक चुना। गोपाल ने एक वंश…
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मौर्य राजवंश का इतिहास
चन्द्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में इस साम्राज्य की स्थापना की और तेजी से पश्चिम की तरफ अपना साम्राज्य…
Read More » - 6 नवम्बर
गुर्जर-प्रतिहारों का इतिहास में क्या योगदान था
रामभद्र के पुत्र मिहिरभोज के राज्यारोहण के साथ ही प्रतिहारों की शक्ति दैदीप्यमान हो गयी। उसने अपने वंश का वर्चस्व…
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सामंती व्यवस्था का उल्लेख करने वाले स्रोत
बाण अपने हर्षचरित में अनेक प्रकार के सामंतों का उल्लेख करते हैं। इनमें से, सामंत सबसे छोटा साधारण अधीनस्थ होता…
Read More » - 4 नवम्बर
सामंती व्यवस्था किसे कहते हैं, सामंतवाद भारत में कब आया
सामंतों की उत्पत्ति तथा विकास सामंतवादी व्यवस्था के विकास में एक महत्त्वपूर्ण कङी थी। जहाँ प्रारंभिक काल में प्रशासन का…
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हर्ष की मृत्यु के बाद कन्नौज की स्थिति कैसी थी
हर्षवर्धन की मृत्यु के बाद उत्तर भारत में राजनीतिक विकेन्द्रीकरण एवं विभाजन की शक्तियाँ एक बार पुनः सक्रिय हो गयी।…
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