इतिहासमध्यकालीन भारतविजयनगर साम्राज्य
विजयनगर साम्राज्य के प्रमुख पदाधिकारी तथा उनके कार्य

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प्रमुख अधिकारी तथा उनके कार्य निम्नलिखित हैं-
- नायक – बङे सेनानायक ( सैनिक भू सामंत )
- महानायक- ये ग्राम सभाओं की कार्यवाहियों का निरीक्षण करने वाले अधिकारी थे।
- दण्डनायक- वह सैनिक विभाग का प्रमुख तथा सेनापति था। कभी-2 उच्च अधिकारी भी दंडनायक की उपाधि धारण करते थे।
- प्रधानी –मंत्रिपरिषद का प्रमुख ( प्रधानमंत्री ) होता था।
- सभानायक-मंत्रिपरिषद का अध्यक्ष।
- रायसम्-सचिव
- कर्णिकम्- लेखाधिकारी ( एकाउंटेंट )
- अमरनायक ( जागीरदार ) – सामंतों का वह वर्ग जो राज्य को सैन्य मदद देने के लिए बाध्य था।
- आयगार- ये वंशानुगत ग्रामीण अधिकारी थे।
- स्थानीय नौकरशाह- शासकीय इकाई पर शासन करने के लिए इनकी नियुक्ति की जाती थी।
- पलीइयागार ( पालिगार )- सेनापति अथवा नायक कहलाते थे।
- स्थानिक-मंदिरों की व्यवस्था करने वाले अधिकारी थे।
- मानेय प्रधान-गृहमंत्री।
- मुद्राकर्ता- शाही मुद्रा रखने वाला अधिकारी।
- सेनतेओवा- ग्राम का लेखाधिकारी।
- तलर- ग्राम का रखवाला ( चौकीदार ) था।
- गौड- ग्राम प्रशासक था।
- अंत्रिमार-ग्राम प्रशासन का एक अधिकारी।
- परुपत्यगार-किसी स्थान विशेषों में राजा या गर्वनर का प्रतिनिधि होता था।
- मध्यस्थ- यह एक निर्णायक होता था जिनकी सेवाओं का क्रय – विक्रय के दौरान उपयोग किया जाता था।
Reference : https://www.indiaolddays.com/