अक्ता किसे कहते हैं?

अक्ता का अनुवाद प्रायः भूल से जागीर किया जाता रहा है, किंतु अक्ता वह भूमि कहलाती है, जिसकी आय सेना के सरदारों को सेना रखने तथा उसका उचित प्रबंध करने के लिए दी जाती थी। सेना में कार्य करने के योग्य न होने पर यह भूमि अक्तादारों से वापिस ले ली जाती थी और दूसरों को दे दी जाती थी।
अक्ता प्रथा – तुर्की विजय उत्तर भारत में छोटे-छोटे राज्यों की विभाजित सत्ता को समाप्त करने के लिये आवश्यक थी। इल्तुतमिश और बलबन दोनों सत्ता के केंद्रीकरण में विश्वास करते थे। दिल्ली सल्तनत की संपूर्ण शक्ति का मूलाधार सेना थी। पूरे राज्य के विभिन्न क्षेत्रों को अक्ता के रूप में बाँट दिया गया था। और उन्हें प्रमुख सेनापतियों को सौंप दिया गया था। अक्ता की परिभाषा निजाम-उल-मुल्क की किताब सियासतनामा में दी गई है। अक्ता राजस्व के हस्तांतरण से संबंधित संस्था थी, जिससे सेना के अधिकारी अपनी सेना का व्यय निर्वाह करते थे और साथ-साथ इलाके में कानून और व्यवस्था बनाए रखते थे। इसके द्वारा शासक वर्ग के लोगों का सामाजिक स्तर और राजनीतिक प्रभाव निश्चित किया जाता था। हर एक अक्तादार अपने ऊंचे स्तर के बावजूद सुल्तान का आज्ञापालक होता था। किंतु यदि वह अपनी स्वतंत्र सत्ता बनाना चाहता था, उसको दंड दिया जाता था।