रणजीतसिंह का साम्राज्य कितने प्रांतों में विभक्त था?

रणजीतसिंह का साम्राज्य कितने प्रांतों में विभक्त था?
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रणजीतसिंह का साम्राज्य 4 प्रांतों में विभक्त था।
महाराजा रणजीतसिंह का शासन तंत्र कैसा था
एकतंत्रीय शासन – रणजीतसिंह के शासन का स्वरूप एकतंत्रीय था। वह स्वयं संपूर्ण सत्ता का केन्द्रबिन्दु था और शासन के समस्त अधिकार उसी के हाथ में थे। राज्य के प्रत्येक महत्त्वपूर्ण मामले में उसका निर्णय अंतिम होता था। रणजीतसिंह अपने अधिकारियों के कार्यों पर पूरी निगरानी रखता था।
सूबों की शासन व्यवस्था –
रणजीतसिंह का राज्य चार सूबों अथवा प्रांतों में विभाजित था –
उनके नाम थे – काश्मीर, मुल्तान, पेशावर और लाहौर।
सूबों के सर्वोच्च अधिकारी को नाजिम कहा जाता था। नाजिम पद पर महाराजा के विश्वस्त व्यक्ति की ही नियुक्ति की जाती थी। सूबे का दूसरा मुख्य अधिकारी कारदार कहलाता था…अधिक जानकारी
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