लूथर गुलिक कौन थे?

लूथर गुलिक – 19 वीं शताब्दी में हुई औद्योगिक क्रांति के बाद पैदा हुई आधुनिक औद्योगिक जरूरतों को पूरा करने के लिये अनेक लोगों ने औद्योगिक संगठनों के सिद्धांत विकसित करने का प्रयास किया। इन प्रयास करने वालों में उल्लेखनीय थे, अमरीकी इंजीनियर एफ.डब्ल्यू. टेलर, जर्मन समाज विज्ञानी मैक्स वेबर तथा फ्रांसीसी उद्योगपति व प्रबंधक हेनरी फायोल। इन लोगों ने उन दिनों जो कुछ विकसित किया उसे ही आज शास्त्रीय संगठनात्मकता या प्रबंध सिद्धांत के रूप में जाना जाता है। संगठनात्मक कार्यक्षमता और उत्पादकता बढाने के लक्ष्य के आलोक में उन्होंने ये सिद्धांत विकसित किए। तदनंतर ब्रितानी व अमरीकी प्रशासकों ने संगठनात्मक अथवा प्रबंधकीय सिद्धांत को और अधिक व्यापक बनाने में अपना ध्यान लगाया। ऐसे प्रयास करने वालों में गुलिक और उर्विक का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। 1937 में अपनी संपादित पुस्तक पेपर्स ऑन द साइंस ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में इन्होंने प्रशासन विज्ञान के विकास की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की। इस किताब को इस क्षेत्र का मील का पत्थर समझा जाता है।
लूथर हाल्सी गुलिक का जन्म 1892 में जापान के शहर ओसाका में हुआ था। उन्होंने 1920 में कोलंबिया विश्वविद्यालय से पी.एच.डी. की उपाधि हासिल की। उन्होंने सन 1939 में डी.लिट् और सन 1954 में डी.एल.एल. की उपाधि हासिल की। उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में काम किया। बाद में लगभग 40 सालों तक वह न्यूयार्क के सिटी रिसर्च इंस्टीट्यूट से संबद्ध रहे। उन्होंने सन 1954-56 तक न्यूयार्क के नगर प्रशासक के रूप में सेवा की। इसके साथ ही वह न्यूयार्क स्थित लोक प्रशासन संस्थान में 1920 से लेकर 1962 तक अध्यक्ष पद को सुशोभित करते रहे। बाद में इसी संस्थान में वह सन 1962 से 1982 तक सभापति रहे। अब वह यहीं के अवकाश प्राप्त सभापति रहे। गुलिक ने न केवल एक प्रोफेसर के रूप में अनेक विश्वविद्यालयों की सेवा की बल्कि एक प्रशासनिक सलाहकार के रूप में भी उन्होंने दुनिया के बहुत से देशों को अपनी सेवाएँ दी। वह राष्ट्रपति की प्रशासन प्रबंध समिति के सदस्य भी रहे। उन्होंने कई पुस्तकें और शोध प्रपत्र लिखे। इनमें से कुछ प्रमुख हैं – एडमिनिस्ट्रेटिव रिफ्लेक्शंस फ्राम वर्ल्ड वार II, मेट्रोपालिटन प्रोब्लम्स एण्ड अमेरिकन आइडियाज, मॉडर्न मैनेजमेंट फार द सिटी आफ न्यूयार्क, और पेपर्स आन द साइंस आफ एडमिनिस्ट्रेशन।