प्रथम विश्व युद्ध में सम्मिलित राज्य (States involved in the First World War)
मित्र राष्ट्र
इंग्लैण्ड, फ्रांस, रूस, अमेरिका, जापान, इटली, सर्बिया, पुर्तगाल, रूमानिया, चीन, भारत, क्यूबा, पनामा, ब्राजील, कनाडा, आस्ट्रेलिया, दक्षिणी अफ्रीका।
धुरी राष्ट्र
जर्मनी, आस्ट्रिया, हंगरी, टर्की, बल्गेरिया।
प्रथम विश्व युद्ध का उत्तरदायित्व
प्रथम विश्व युद्ध के लिए किसी एक देश या गुट को उत्तरदायी मानना उचित नहीं होगा। महायुद्ध के विभिन्न कारणों के रूप में बारूद का ढेर यूरोप में पहले ही एकत्रित हो चुका था। उसमें विस्फोट हेतु सेराजेवो हत्याकांड ने चिन्गारी लगाने का कार्य किया। निस्संदेह सेराजेवो हत्याकांड में सर्बिया का कोई हाथ नहीं था। लेकिन उसे इसकी जानकारी थी।
पुनः इसे आस्ट्रिया द्वारा सर्बिया को ही विश्व मानचित्र से मिटाने का प्रयास अनुचित ही माना जायेगा। लेकिन सबसे अधिक दायित्व जर्मनी का है जिसने आस्ट्रिया को पूर्ण समर्थन दिया। दूसरी और रूस द्वारा सर्बिया की पीठ पर हाथ रखना उसे युद्ध के दायित्व से मुक्त करने में बाधा है। फ्रांस की जर्मनी से प्रतिशोध लेने की कामना उसे निर्दोष सिद्ध नहीं करती है। वस्तुतः युद्ध के लिए मित्र राष्ट्र भी उतने ही उत्तरदायी है, जितने कि धुरी राष्ट्र।
घटनाक्रम
प्रथम विश्वयुद्ध अब तक लङे गए सभी युद्धों से अधिक भीषण था। पहली बार कोई युद्ध विश्व के प्रत्येक भाग में लङा गया। प्रत्येक स्वतंत्र देश ही नहीं उनके उपनिवेशों ने भी उसमें भाग लिया। इंग्लैण्ड के उपनिवेश भारत की इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका रही थी। भारतीय सैनिकों ने इस युद्ध को निर्णायक स्थिति तक पहुँचाया।
युद्ध के प्रारंभिक 3 वर्षों तक धुरी राष्ट्रों का पलङा भारी रहा। इसी बीच रूस में बोल्शेविकों ने जार के निरंकुश राजतंत्र को उखाङ कर साम्यवादी सरकार स्थापित कर ली। इस नई सरकार ने जर्मनी से 1917 ई. में संधि कर ली। इससे जर्मनी की स्थिति अधिक मजबूत हो गयी। मित्र राष्ट्रों की पराजय निकट दिखाई देने लगी।
अब जर्मनी ने मित्र राष्ट्रों के जहाज डुबोना आरंभ कर दिया। 6 अप्रेल, 1917 ई. को अमरीकी जहाज डुबो देने के कारण अमरीका ने जर्मनी के विरुद्ध युद्ध घोषित कर दिया। अमरीका के युद्ध में प्रवेश के साथ ही धुरी राष्ट्रों की पराजय आरंभ हो गयी। 29 सितंबर, 1918 ई. को बल्गेरिया, 30 अक्टूबर, को टर्की तथा 3 नवंबर, को आस्ट्रिया ने आत्म समर्पण कर दिया।
9 नवम्बर, 1918 ई. को जर्मनी सम्राट कैसर विलियम द्वितीय ने सिंहासन छोङ दिया तथा नीदरलैण्ड में शरण ले ली। जर्मनी में गणतंत्र स्थापित कर दिया गया। 11 नवंबर, 1918 को प्रातः 11 बजे युद्ध समाप्त हो गया।
