इतिहासएशिया और अफ्रीका में साम्राज्यवादविश्व का इतिहास

अफ्रीका की खोज

अफ्रीका की खोज : साहसी खोजकर्ताओं ने अनेक बाधाओं का सामना करते हुये अफ्रीका के आंतरिक भागों की पर्याप्त जानकारी प्राप्त कर ली थी। इस संबंध में लिविंग्स्टन, स्टेनली, बेकर, स्प्रीक, गाण्ट, बार्थ, वोगेल आदि के नाम विशेष उल्लेखनीय हैं। बार्थ, वोगेल, नाक्टिगाल आदि ने सहारा और सूडान के भागों की खोज की तथा बेकर, स्पेक, ग्राण्ट ने बङी झीलों के आस-पास के क्षेत्रों का पता लगाया।

अफ्रीका की खोज

लिविंग्स्टन ने जाम्वेजी (जेम्बिसी)नदी के मार्ग द्वारा यात्रा कर विक्टोरिया तथा न्याजा झीलों का पता लगाया। उसने 1840 से 1873 के बीच मध्य अफ्रीका के समस्त प्रदेशों को छान डाला। एक बार वह मार्ग भटककर सघन वनों में खो गया। अतः उसकी खोज के लिये 1874 में हेनरी मार्टन स्टेनली को भेजा गया। उसने कांगो नदी की घाटी और उसकी सहायक नदियों के क्षेत्र की खोज की और स्वदेश आने के बाद थ्रू द डार्क काण्टीनेण्ट नामक पुस्तक प्रकाशित की, जिसमें मध्य अफ्रीका के प्रचुर प्राकृतिक साधनों का उल्लेख किया गया था। 1888 ई. में एक अंग्रेज अन्वेषक स्प्रीक ने एक झील का पता लगाया।

इन भ्रमणों से विभिन्न देशों के लोगों को अफ्रीका के अंदर की दलदलों, जंगलों, झीलों, नदियों तथा निवासियों आदि के संबंध में अनेक महत्त्वपूर्ण बातें ज्ञात हो गयी और प्रत्येक देश वहां उपनिवेश स्थापना के लिये प्रयास करने लगा।

अफ्रीका में साम्राज्यवाद की विशेषताएँ

1. पुस्तक- आधुनिक विश्व का इतिहास (1500-1945ई.), लेखक - कालूराम शर्मा

Online References
wikipedia : अफ्रीका की खोज

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