लौकिक साहित्य
लौकिक साहित्य के अन्तर्गत प्रमुख ऐतिहासिक स्रोत कौटिल्य कृत अर्थशास्र है। इसे भारत का प्रथम राजनीतिक ग्रन्थ स्वीकार किया जाता है। यह मौर्ययुगीन इतिहास जानने का प्रमुख स्रोत है।
विशाखादत्त द्वारा रचित मुद्राराक्षस , सोमदेव कृत कथा सरितसागर , क्षेमेन्द्र कृत वृहत्कथामंजरी मौर्यकालीन घटनाओं की जानकारी के महत्तवपूर्ण स्रोत है।
दक्षिण भारत का प्रारंभिक इतिहास संगम साहित्य से ज्ञात होता है।
पतंजलि कृत महाभाष्य और कालिदास कृत मालविकाग्निमित्रम शुंगकालीन इतिहास के स्रोत हैं।
शूद्रक का मृछकटिकम तत्कालीन समाज का चित्रण है।
कल्हण कृत राजतरंगिणी में ऐतिहासिक घटनाओं को क्रमबद्ध ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
राजशेखर कृत प्रबंधकोश हमें गुजरात के चालुक्यों के इतिहास की जानकारी प्रदान करता है।
गार्गी संहिता से भारत पर हुए यवन आक्रमण की जानकारी मिलती है।
ऐतिहासिक जीवनियों – में अश्वघोष कृत बुद्धचरित , बाणभट्ट कृत हर्षचरित , वाक्पति का गौडवहो, विल्हण कृत विक्रमांकदेव चरित , पद्मगुप्त कृत नवसाहसांक चरित ,हेमचंद्र कृत कुमारपाल चरित , जयानक कृत पृथ्वीराज विजय इतिहास इतिहास जानने के महत्तवपूर्ण स्रोत हैं ।
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