सम सामयिकीदिवसदिसम्बर

15 दिसम्बर : अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस क्यों मनाया जाता है

15 दिसंबर को ‘अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस’ (International Tea Day) मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस की स्थापना 15 दिसंबर, 2005 को नई दिल्ली में की गयी थी।

इसके एक वर्ष बाद अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस श्रीलंका में मनाया गया और श्रीलंका से पूरे विश्व में फैल गया।

अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस( antarraashtreey chaay divas ) का मुख्य लक्ष्य चाय बागान से लेकर चाय की कंपनियों तक में काम करने वाले श्रमिकों की स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित करना है।

चाय दिवस( chaay divas ) क्यों मनाया जाता है ?

भारत में चाय निर्माता, जिसमें छोटे चाय उत्पादक और मजदूर संघ शामिल हैं के द्वारा चाय दिवस को पारिश्रमिक, जीवन स्तर तथा जीविका संबंधी अपने अधिकारों को रेखांकित करने के अवसर के रूप में मनाते हैं।

अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस ग्यारह चाय उत्पादक देशों – श्रीलंका, तंजानिया, युगांडा, वियतनाम, मलेशिया, मलावी, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, भारत, केन्या और नेपाल के चाय उद्योग, मुख्यतः छोटे उत्पाद तथा श्रमिकों के लिए संयुक्त प्लेटफार्म देता है।विश्व में चाय उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है।

वीकिपीडिया के अनुसार सबसे पहले साल 1815 में कुछ अंग्रेज यात्रियों का ध्यान असम में उगने वाली चाय की झाड़ियों पर गया जिससे स्थानीय कबाइली लोग एक पेय बनाकर पीते थे।

भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड बैंटिक ने चाय की परंपरा भारत में शुरू करने और उसका उत्पादन करने की संभावना तलाश करने के लिए एक समिति का गठन किया। इसके बाद 1815 में असम में चाय के बाग लगाए गए।

कई जगह चीन से भी चाय का इतिहास जोड़ा गया है।

बता दें कि भारत में सर्वप्रथम चाय का बहुतायत प्रचलन ब्रिटिश शासनकाल में इन्हीं ब्रिटिशों द्वारा ही हुआ था।

भारत में एक टी बोर्ड इंडिया भी है।टी बोर्ड भारत की उत्पत्ति 1903 में तब हुई जब भारतीय उपकर विधेयक पारित किया गया था।विधेयक ने चाय निर्यात पर उपकर लगाया इसका प्रयोग भारत में तथा भारत के बाहर भारतीय चाय के संवर्धन के लिए किया गया

संबंधित लिंक

https://aajtak.intoday.in/education/story/international-tea-day-know-interesting-facts-about-tea-tedu

Related Articles

error: Content is protected !!