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ईसाई धर्म महत्त्वपूर्ण तथ्य

ईसाई धर्म महत्त्वपूर्ण तथ्य

ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह हैं। ईसाई धर्म का प्रमुख ग्रंथ बाइबिल है। ईसा मसीह का जन्म येरुशलम के बैथहेम नामक स्थान पर हुआ था। ईसा के जन्म-दिवस को क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है।

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ईसाई धर्म (मसीही या क्रिश्चियन) प्राचीन यहूदी परंपरा से निकला एकेश्वरवादी धर्म है। इसकी शुरूआत प्रथम सदी ई. में फलिस्तीन में हुुुई, जिसके अनुयायी ईसाई कहलाते हैं।ईसाइयों में मुख्ययतः तीन समुदाय हैं, कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और ऑर्थोडॉक्स

ईसाई धर्म के अनुसार मूर्तिपूजा, हत्या, व्यभिचार व किसी को भी व्यर्थ आघात पहुंचाना पाप है। सदी तक यह धर्म किसी क्रांति की तरह फैला, किन्तु इसके बाद ईसाई धर्म में अत्यधिक कर्मकांडों की प्रधानता तथा धर्मसत्ता ने दुनिया को अंधकार युग में धकेल दिया था। फलस्वरूप पुनर्जागरण के बाद से इसमें रीति-रिवाज़ों के बजाय आत्मिक परिवर्तन पर अधिक ज़ोर दिया जाता है।

ईसाइयों के धार्मिक स्थल को चर्च कहते हैं। विश्व में सर्वाधिक लोग ईसाई धर्म को मानते हैं।

ईसा मसीह की माता का नाम मेरी और पिता का नाम जोसेफ है। ईसा ने अपने जीवन के प्रथम 30 वर्ष एक बढई के रूप में बैथलहेम के निकट नाजरेथ में व्यतीत किये थे।

ईसा मसीह के प्रथम दो शिष्य एंडूस एवं पीटर थे। ईसा मसीह को सूली पर रोमन गवर्नर पोंटियस ने चढाया। ईसी मसीह को 33 ई. में सूली पर चढाया गया। ईसाई त्रित्व में विश्वास रखते हैं,

त्रित्व

  1. ईश्वर-पिता,
  2. ईश्वर-पुत्र (ईसा),
  3. ईश्वर – पवित्र आत्मा।

12 वीं शताब्दी में फ्रांस में आरंभिक भवनों की तुलना में अधिक ऊँचे व हल्के चर्चों के निर्माण प्रारंभ हुए। वास्तुकला की यह शैली गोथिक शैली का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण था, जो पेरिस का नाट्रेडम चर्च है।

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