इतिहासप्राचीन भारतवर्द्धन वंशहर्षवर्धन

हर्ष एवं दक्षिण भारत का इतिहास

हर्ष ने नर्मदा नदी के दक्षिण में सैनिक अभियान किया था। नर्मदा नदी के दक्षिणी भाग में कुंतल, चोल, कांची की विजय की। हर्ष का यह अभियान पुलकेशिन द्वितीय की मृत्यु के बाद हुआ अर्थात् 643 ईस्वी के लगभग यह अभियान हुआ। इस अभियान में उसने चोल और पल्लव नरेशों को अपनी अधीनता में ले लिया था।

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पल्लव नरेशों का इतिहास

हर्ष ने सुदूर दक्षिण के राज्यों को अपने साम्राज्य में नहीं मिलाया। हर्ष का उद्देश्य केवल उन राजाओं को अपनी अधीनता स्वीकार करवाना ही थी। हर्ष का दक्षिण भारत का अभियान वैसा ही था, जैसा समुद्रगुप्त का दक्षिणापथ का अभियान था।

कुंतल को जीतने के लिये समुद्रगुप्त बाद में गया था। कुंतल का प्रदेश पुलकेशिन द्वितीय के अधिकार में था। पुलकेशिन द्वितीय की मृत्यु के बाद चालुक्य राज्य में अराजकता फैली हुई थी, इसी अराजकता का फायदा उठाकर हर्ष ने कुंतल प्रदेश के साथ-2 चालुक्य राज्य के कुछ पश्चिमी भागों को जीत लिया था।

References :
1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव 

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