जगदेकमल्ल द्वितीय चालुक्य वंश का शासक था
कल्याणी के चालुक्य शासक सोमेश्वर तृतीय के दो पुत्र थे – जगदेकमल्ल द्वितीय तथा तैल तृतीय। सर्वप्रथम जगदेकमल्ल द्वितीय शासक बना। उसने 1138 ई. से लेकर 1151 ई. तक शासन किया। लेखों में उसके त्रिभुवनमल्ल, प्रताप-चक्रवर्त्तिन, पेर्माडिदेव आदि नाम भी दिये गये हैं। उनके काल में भी विष्णुवर्धन ने चालुक्य राज्य पर आक्रमण जारी रहे तथा उसने बंकापुर को अपनी राजधानी बनाकर गंगवाडी, नोलम्बबाडी,हंगल तथा कृष्णानदी के हुलगिरे प्रदेशों पर अपना अधिकार जमा लिया था, लेकिन ऐसा लगता है, कि जगदेकमल्ल द्वितीय के समय तक चालुक्य साम्राज्य सुरक्षित बचा रहा तथा होयसल उसकी अधीनता मानते रहे। चित्तलदुर्ग लेख (1143 ई.) में कहा गया है, कि उसने चोलों तथा होयसलों को जीता था। 1147 ई. के मुत्तुगें लेख से पता चलता है, कि जगदेकमल्ल द्वितीय की आज्ञा पाकर बर्म्म दंडाधिप ने होयसल नरेश के ऊपर प्रबल आक्रमण किया तथा उसका पीछा किया। इससे स्पष्ट होता है, कि जगदेकमल्ल द्वितीय ने अपने साम्राज्य को किसी न किसी प्रकार बचाये रखा था।
References : 1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
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