चंदेल
- जनवरी- 2020 -3 जनवरीइतिहास
सोलंकी वंश के शासक जयसिंह सिद्धराज का इतिहास
जयसिंह सिद्धराज के कई लेख मिले हैं। राज्यारोहण के समय वह कम आयु का था, अतः उसकी माँ ने कुछ…
Read More » - दिसम्बर- 2019 -24 दिसम्बरइतिहास
त्रिपुरी (डाहल) के कलचुरि वंश का इतिहास
कलचुरी वंश के इतिहास में त्रिपुरी का डाहल कलचुरि वंश सबसे महत्त्वपूर्ण वंश था। इसने मध्य भारत पर तीन शताब्दियों…
Read More » - 23 दिसम्बरइतिहास
त्रिपुरी का कलचुरि-चेदि राजवंश के इतिहास के साधन
चंदेल राज्य के दक्षिण में चेदि के कलचुरियों का राज्य स्थित था। उसकी राजधानी त्रिपुरी में थी, जिसकी पहचान मध्य…
Read More » - 18 दिसम्बरइतिहास
चंदेल शासक हर्ष का इतिहास
खजुराहो लेख के अनुसार उसने प्रतिहार शासक क्षितिपाल (महीपाल) को पुनः कन्नौज की गद्दी पर बैठाया। ऐसा प्रतीत होता है,…
Read More » - 11 दिसम्बरइतिहास
स्वतंत्र परमार साम्राज्य की स्थापना : हर्ष अथवा सीयक द्वितीय (945 – 972 ईस्वी)
इस समय प्रतिहार साम्राज्य पतन की अवस्था में था। इस स्थिति का लाभ उठाते हुये सीयक ने मालवा तथा गुजरात…
Read More » - नवम्बर- 2019 -24 नवम्बरइतिहास
राठौङ शासक गोविन्दचंद्र की उपलब्धियां
उसने कन्नौज के प्राचीन गौरव को पुनः स्थापित करने का प्रयास किया। इस उद्देश्य से उसने कई स्थानों की विजय…
Read More » - 21 नवम्बरइतिहास
गुर्जर-प्रतिहार शासक महेन्द्रपाल द्वितीय तथा प्रतिहार साम्राज्य का पतन
महेन्द्रपाल द्वितीय के बाद 960 ईस्वी तक प्रतिहार वंश में चार शासक हुये - देवपाल (948-49 ईस्वी), विनायकपाल द्वितीय (953-54…
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गुर्जर-प्रतिहार शासक महीपाल
महेन्द्रपाल के बाद कुछ समय के लिये भोज द्वितीय ने शासन किया। किन्तु दो वर्षों बाद ही उसका सौतेला भाई…
Read More » - 15 नवम्बरइतिहास
राजपूत राजवंश : राजपूतों की उत्पत्ति संबंधि विविध मत
राजपूत बङे ही वीर तथा स्वाभिमानी होते थे और साहस, त्याग, देश-भक्ति आदे के गुण उनमें कूट-कूटकर भरे हुये थे।…
Read More » - 7 नवम्बरइतिहास
पाल वंश के शासकों का इतिहास
ऐसी अराजकतापूर्ण स्थिति में बंगाल के मुख्य लोगों ने गोपाल को समूचे राज्य का शासक चुना। गोपाल ने एक वंश…
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