पाल
- जून- 2020 -3 जूनइतिहास
प्राचीन काल में परीक्षा तथा उपाधियाँ
प्राचीन शिक्षा पद्धति में आधुनिक युग की भाँति परीक्षा लेने तथा उपाधि प्रदान करने की प्रथा का अभाव था। विद्यार्थी…
Read More » - मई- 2020 -17 मईइतिहास
चोल शासक राजेन्द्र प्रथम
राजेन्द्र प्रथम राजराज प्रथम का पुत्र तथा उत्तराधिकारी था और उसकी मृत्यु के बाद 1014-15 ई. में चोल राज्य की…
Read More » - मार्च- 2020 -26 मार्चइतिहास
प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल विक्रमशिला
बिहार प्रान्त के भागलपुर जिले में स्थित विक्रमशिला प्राचीन भारत का सुप्रसिद्ध शिक्षा केन्द्र था। इसकी स्थिति भागलपुर में 24…
Read More » - फरवरी- 2020 -12 फ़रवरीइतिहास
तुर्क आक्रमण के समय भारत की राजनीतिक दशा कैसी थी
मुस्लिम आक्रमण के समय भारत में एक बार पुनः विकेन्द्रीकरण तथा विभाजन की परिस्थितियाँ सक्रिय हो उठी थी। इस समय…
Read More » - 2 फ़रवरीइतिहास
प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल कान्यकुब्ज(कन्नौज)
उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद जनपद में स्थित कान्यकुब्ज अथवा कन्नौज नामक स्थान प्राचीन भारत का एक अति प्रसिद्ध नगर था।…
Read More » - दिसम्बर- 2019 -27 दिसम्बरइतिहास
कलचुरि शासक कर्ण अथवा लक्ष्मीकर्ण (1041-1070)का इतिहास
कलचुरि शासक गांगेयदेव के बाद उसका पुत्र कर्णदेव अथवा लक्ष्मीकर्ण शासक बना। वह अपने वंश का सर्वाधिक शक्तिशाली राजा था।…
Read More » - 27 दिसम्बरइतिहास
कलचुरि सत्ता का उत्कर्ष – गांगेयदेव विक्रमादित्य (1019-1041 ईस्वी)
कोक्कल द्वितीय के बाद उसका पुत्र गांगेयदेव विक्रमादित्य कलचुरिवंश का एक प्रतापी राजा हुआ। उसके राज्यारोहण के समय कलचुरि राज्य…
Read More » - 15 दिसम्बरइतिहास
परमार भोज के उत्तराधिकारी तथा परमार सत्ता का अंत
नरवर्मा का उत्तराधिकारी उसका पुत्र यशोवर्मा (1133-1142 ईस्वी) हुआ। उसके समय चालुक्यों के आक्रमण के कारण मालवा की स्थिति काफी…
Read More » - नवम्बर- 2019 -24 नवम्बरइतिहास
राठौङ शासक गोविन्दचंद्र की उपलब्धियां
उसने कन्नौज के प्राचीन गौरव को पुनः स्थापित करने का प्रयास किया। इस उद्देश्य से उसने कई स्थानों की विजय…
Read More » - 20 नवम्बरइतिहास
गुर्जर-प्रतिहार शासक महेन्द्रपाल प्रथम
महेन्द्रपाल प्रथम की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि मगध तथा उत्तरी बंगाल की विजय थी। महेन्द्रपाल प्रथम विद्वानों का उदार संरक्षक था।
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