हर्ष संवत्
- अप्रैल- 2021 -16 अप्रैलइतिहास
थानेश्वर के वर्द्धन वंश को जानने के लिए इतिहास के साधन की स्लाइड
गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद उत्तर भारत के राजवंशों में थानेश्वर का पुष्यभूति राजवंश सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण एवं शक्तिशाली था।…
Read More » - 10 अप्रैलइतिहास
नालंदा मृण्मुद्रा अभिलेख,सोनपत ताम्रमुद्रा अभिलेख एवं बांसखेङा ताम्रपत्र लेख की स्लाइड
यह अभिलेख हर्षवर्धन से संबंधित है। मिट्टी की मुहर पर उत्कीर्ण यह लेख बिहार के नालंदा से मिला है। इसकी…
Read More » - मार्च- 2021 -9 मार्चइतिहास
इतिहास के प्रमुख संवत् की स्लाइड
प्राचीन भारतीय लेखों में उल्लेखित अधिकांश तिथियाँ किसी न किसी संवत् से सम्बद्ध हैं। मुख्य रूप से हमें प्राचीन भारत…
Read More » - मार्च- 2020 -13 मार्चइतिहास
प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल बंसखेड़ा
उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर जिले मे यह स्थान स्थित है। 1894 ई. मे यहाँ से हर्ष संवत् 22=628 ई. का…
Read More » - जनवरी- 2020 -10 जनवरीइतिहास
इतिहास के प्रमुख संवत्
प्राचीन भारतीय लेखों में उल्लिखित अधिकांश तिथियाँ किसी न किसी संवत् से सम्बद्ध हैं। मुख्य रूप से हमें प्राचीन भारत…
Read More » - 8 जनवरीइतिहास
प्रमुख संवत् – हर्ष संवत्
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि हर्ष संवत् का संबंध वर्धन वंश (Vardhan Dynasty)के शासन हर्षवर्धन से है…
Read More » - अक्टूबर- 2019 -28 अक्टूबरइतिहास
हर्ष के अभिलेख बांसखेङा ताम्रपत्र लेख
सिद्धि, स्वस्ति (कल्याण हो)। नाव, हस्ति तथा अश्वों से युक्त वर्धमानकोटि के जयस्कंधावार (सैनिक शिविर) से (यह घोषित किया गया)…
Read More » - 16 अक्टूबरप्राचीन भारत
हर्षवर्धन एवं उसका द्वितीय पूर्वी अभियान क्या था
चीनी लेखक मा-त्वान-लिन् लिखता है, कि हर्ष ने 641 ईस्वी में सर्वप्रथम मगधराज की उपाधि धारण की थी। मगध पहले…
Read More » - 16 अक्टूबरइतिहास
हर्षवर्धन का नेपाल के साथ कैसा संबंध था
हर्ष ने नेपाल की विजय की थी राधाकुमुद मुकर्जी के अनुसार नेपाल में हर्ष संवत् का प्रचलन था, जो वहाँ…
Read More » - 13 अक्टूबरप्राचीन भारत
थानेश्वर के वर्द्धन वंश को जानने के लिए इतिहास के साधन
र्षचरित में 8 अध्याय अथवा खंड हैं। इन्हें उच्छवास कहा जाता है। प्रथम तीन में बाण ने अपनी आत्मकथा लिखी
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