इतिहासविश्व का इतिहास

विश्व का इतिहास महत्त्वपूर्ण तथ्य

विश्व का इतिहास महत्त्वपूर्ण तथ्य

मानव के विकास की कहानी आज से लगभग दो मिलियन वर्ष(20 लाख) पूर्व अफ्रीका से आरंभ हुई।

वर्तमान मानव के आदि पुरुष ने लगभग बीस हजार शताब्दी वर्ष पूर्व भोजन की खोज में अफ्रीका के सवाना क्षेत्र में प्रवेश किया।

इसके बाद लगभग चार सौ हजार वर्ष पूर्व मानव का पूर्वज अफ्रीका के बाहर प्रव्रजन करने लगा। उसने आग का प्रयोग सीख लिया। अब मानव अपनी बातों को एक-दूसरे तक बोलकर पहुँचाने लगा।

निएंडरथल मानव(होमो वंश का एक विलुप्त सदस्य है। जर्मनी में निअंडर की घाटी में इस आदिमानव की कुछ हड्डियाँ मिली है, इसलिए इसे निएंडरथल मानव का नाम दिया गया है। इसका कद अन्य मानवजातियों की अपेक्षा छोटा था।

यह पश्चिम यूरोप, पश्चिम एशिया तथा अफ्रीका में रहता था। इनके बालों का रंग लाल तथा त्वचा पीली थी।) ने इस उद्विकास की प्रक्रिया का अनुगमन किया और लगभग 40,000 वर्ष पूर्व मानव शारीरिक रूप से पूर्ण आधुनिक हो गया।

आरंभिक पश्चिमी सभ्यता का उद्भव लगभग 32,00 ईसा पूर्व मेसोपोटामिया में हुआ माना जाता है। लगभग 600 ईसा पूर्व तक सभी महत्त्वपूर्ण सभ्यताएँ अपना अस्तित्व ग्रहण कर चुकी थी।

प्रागैतिहासिक भारत

मानव जैसे प्राणी अथवा आदिम होमिनिड्स (Hominids) सबसे पहले अफ्रीका में अभिभूतनकाल के प्रारंभ में प्रकट हुए।

सबसे पहला वानर मानव, जो सीधा चलता था और होमिनिड्स से मिलता-जुलता था, मध्य अफ्रीका में पाया गया, उसे ऑस्ट्रेलोपिथिकस (Australopithecus) कहा गया।

ऑस्ट्रेलोपिथिकस की एक उपजाति जिंजानथ्रोपस (Zinjanthropus)औजार बनाती थी। एशिया में आदिम होमोनिड प्राणियों के अवशेष जावा में मिले हैं।

अध्ययन के बाद कहा गया है, कि ये हड्डियाँ एक ऐसे होमोनिड की हैं, जो सीधे होकर चल सकता था। इसलिये उसे पिथिकांथ्रोपस एरेक्टस (Pithecanthropus Erectus)यानी सीधा खङा वानर-मानव कहा गया।

अनेक वर्षों के बाद इसी प्रकार के जीवों के चालीस जीवाश्म पीकिंग के निकट एक गुफा में मिले। पीकिंग मानव जिसे सिनांथ्रेपस नाम से भी जाना जाता है, जावा मानव की अपेक्षा कुछ विकसित चचेरा भी सिद्ध हुआ।

निएंडरथल मानव (Neanderthal Man)

निएंडरथल मानव मध्य पुरापाषाणकाल का प्रतिनिधित्व करता है। निएंडरथल- मानव के बाद होमोसेपियंस जाति का क्रो-मैग्नन मानव (Ceo Magnon Man) आया। यह मानव भाषा के विकास में सहायक रहा। इसके अलावा ग्रिओनाल्डी मानव भी हुआ। यह मानव भी होमोसेपियंस जाति का है।

होमोसेपियंस को आधुनिक मानव के रूप में जाना जाता है।

पूर्व-पाषाण काल(Paiaeolithic Period)

होमोसेपियन्स का उद्भुव पूर्व-पाषाण काल में 36,000 वर्ष ईसा पूर्व प्रथम बार हुआ।

उसका मुख्य हथियार दस्ती कुल्हाङी थी। उनके हथियार पत्थर के थे तथा देखने में भद्दे एवं बिना पॉलिश, किये थे।

कृषि नहीं, भोज्य पदार्थ-जंगली कंदमूल, पशुओं के माँस, मछली, अण्डा आदि । मुख्य व्यवसाय शिकार करना था। बाद में उसने आग जलाना भी सीख लिया। आरंभ में निर्वस्त्र रहा, लेकिन बाद में शरीर को ढँकने के लिये वृक्ष की छाल, पत्तों और पशुओं की खाल का प्रयोग करना उसने सीख लिया। इस काल के मानव मुख्यतः भोजन इकट्ठा करने वाले माने जाते हैं।

मध्य पाषाण काल(Mesolithic Period)

मध्य पाषाण काल का मुख्य औजार माइक्रोलिथ (नुकीला ब्लेड) था। इस काल को मध्य पाषाण युग कहा जाता है। उस समय मानव ने एशिया और बाद में संसार के अन्य भागों में अपना भोजन उत्पन्न करने की कला सीखी।

यह कृषि की शुरुआत थी। भोजन इकट्ठा करने वाले मनुष्य से अब वह भोजन उत्पन्न करने वाला मनुष्य बन गया।

नव पाषाण काल (Neolithic Period)

नवपाषाण शब्द अंग्रेजी भाषा के नियोलिथिक का हिन्दी रूपान्तर है। नियोलिथिक शब्द दो शब्दों नियो एवं लिथिक से मिलकर बना है। नियो शब्द यूनानी भाषा के नियोस एवं लिथिक शब्द यूनानी भाषा के लिथोस से निकला है।

नियोस का अर्थ है – नव/नया एवं लिथोस का अर्थ है, पाषाण।

कृषि-कार्य में सहायता के लिये मानव ने पशुओं का पालन आरंभ किया। सर्वप्रथम कुत्ता एवं गधा पाले गए, इसके बाद बकरी, भेङ, गाय, भैंस और घोङे।

मानव आवास की स्थायी व्यवस्था की गयी। इस काल का अत्यंत उल्लेखनीय आविष्कार चक्र या पहिया था। इस काल में मानव लाल रंग के बर्तन का उपयोग करते थे। अतिरिक्त खाद्य सामग्री को इस बर्तन में संचित कर भविष्य के लिये रखते थे। फल, कंद-मूल, सब्जियाँ, अनाज, जानवरों का माँस, मछली, दूध-दही, मक्खन-घी आदि नवपाषाण युगीन मानव के खाद्य पदार्थ थे।

Related Articles

error: Content is protected !!