प्राचीन भारतइतिहास

यूक्रेटाइडीज वंश का इतिहास

मिनांडर के अंतिम दिनों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिलती है। मिनांडर की मृत्यु के बाद उसका पुत्र स्ट्रेटो प्रथम अवयस्क था। अतः मिनांडर की पत्नी ऐगथोक्लिया ने शासन संभाला। कुछ समय बाद उत्तराधिकारी स्ट्रेटो द्वितीय बना। इन दोनों का काल यूथीडेमस साम्राज्य के पतन का काल रहा। प्रथम शता.ईसा पूर्व के मध्य तक आते-2 पूर्वी पंजाब स्थित उनका राज्य शकों के अधिकार में चला गया। इस प्रकार यूथीडेमस कुल का अंत हुआ।

यूथीडेमस कुल के विनाश के बाद यूक्रेटाइडीज के वंशज शक्तिशाली हुए। इस कुल के दो राजाओं के नाम मिलते हैं-

  1. एन्तियालकीडस तथा
  2. हर्मियस।

एन्तियालकीडस तक्षशिला का शासक था। जिसने शुंग नरेश भागमद्र के विदिशा स्थित दरबार में हेलियोडोरस नामक अपना एक राजदूत भेजा था। उसका उल्लेक बेसनगर के गरुङ स्तंभ-लेख में हुआ है। इससे प्रतीत होता है कि अब यवनों की शक्ति काफी क्षीण हो गयी थी और वे आक्रमण का मार्ग छोङकर भारतीय नरेशों के साथ मैत्री-संबंध बनाये रखने के इच्छुक थे।

यूक्रेटाइडीज वंश का प्रथम शासक यूक्रेटाइट्स था, जो मेंकि डेमेट्रियस का समकालीन था, इसने डेमेट्रियस के बैक्ट्रियाई क्षेत्र को जीत लिया।

यूक्रेटाइड्स ने तक्षशिला को राजधानी बनाया। इसके बाद हेलियोक्लिज व एण्टियालकीड्स शासक हुये।

एण्टियालकीड्स ने शुंग शासक भागवद के दरबार में अपना राजदूत हेलियोडोरस को भेजा था। और डेमेट्रियस शाख के विरुद्ध शुंग शासक से संधि करी थी।

हर्मियस यूक्रेटाइडीज वंश का अंतिम हिन्द यवन शासक था। उसका राज्य ऊपरी काबुल घाटी तक सीमित था। उसके कुछ सिक्कों के ऊपर कुषाण वंश के प्रथम शासक कुजुल कडफिसेस का नाम उत्कीर्ण है। यह इस बात का सूचक है कि बैक्ट्रिया में कुजुल उसकी अधीनता स्वीकार करता था। वह अपने राज्य पर अधिकार कर लिया।

हर्मियस ने 50 ईसा पूर्व से 30 ईसा.पूर्व के लगभग तक शासन किया। उसके साथ ही पश्चिमोत्तर भारत से यवनों का लगभग दो सौ वर्षों का शासन समाप्त हुआ।

Reference : https://www.indiaolddays.com/

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