आधुनिक भारतइतिहासमहात्मा गाँधी
सविनय अवज्ञा तथा असहयोग आंदोलन की तुलना
सविनय अवज्ञा तथा असहयोग आंदोलन की तुलना
सविनय अवज्ञा तथा असहयोग आंदोलन का तुलनात्मक अध्ययन
- सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930-34 ई.) असहयोग आंदोलन (1921-22ई.) से कई विषयों पर एक कदम आगे था-
- सविनय अवज्ञा आंदोलन का उद्देश्य पूर्ण स्वतंत्रता की प्राप्ति था।

- जैसा कि नाम से प्रतीत होता है सविनय अवज्ञा आंदोलन, असहयोग आंदोलन से कम हिंसक प्रवृत्ति का था।
- सविनय अवज्ञा आंदोलन में लोगों की भागीदारी, असहयोग आंदोलन से ज्यादा जोखिम भरी थी। जैसे सविनय आंदोलन के प्रति शुरू से सरकार ने निष्ठुर दमनकारी नीति अपनाई।
- सविनय अवज्ञा आंदोलन में महिलाओं, व्यापारी वर्ग तथा किसानों की भागीदारी, असहयोग आंदोलन से ज्यादा थी।
- सविनय अवज्ञा आंदोलन के बाद कांग्रेस असहयोग आंदोलन की तुलना में संगठनात्मक रूप से ज्यादा मजबूत हो गई।
- सविनय अवज्ञा आंदोलन कुछ खास दृष्टिकोण से असहयोग आंदोलन की तुलना में अवनतिशील था।
- सविनय अवज्ञा आंदोलन में असहयोग आंदोलन की हिन्दू मुस्लिम एकता की विशेषता नहीं थी। इस आंदोलन में मुस्लिमों की कम भागीदारी थी।
- मजदूरों की भागीदारी सविनय अवज्ञा आंदोलन से असहयोग आंदोलन में अधिक थी।
References : 1. पुस्तक- भारत का इतिहास, लेखक- के.कृष्ण रेड्डी

Online References
wikipedia : गाँधीजी के विचार