प्राचीन भारतइतिहास
खारवेल का हाथीगुंफा अभिलेख किस शासक से संबंधित है?
खारवेल का हाथीगुंफा अभिलेख उङीसा में भेदी वंश के शासक खारवेल द्वारा स्थापित करवाया गया है। इसका काल 1BC माना गया है।

हाथी गुंफा अभिलेख से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य-
- यह अभिलेख भारत का पहला प्रशस्ति अभिलेख है।
- इस अभिलेख में पहली बार महाराजा शब्द का उल्लेख मिलता है।
- इस अभिलेख के अनुसार खारवेल ने शासन के 12 वें वर्ष पाटलिपुत्र पर आक्रमण किया और किसी बृहस्पति मित्र नामक शासक को पराजित किया। तथा पाटलीपुत्र से जैन तीर्थंकर शीतलनाथ की मूर्ति पुनः कलिंग ले आया, जिसे नंद शासक महापदमनंद कलिंग को जीतकर अपने साथ ले गया था। स्मिथ ने बृहस्पति मित्र की पहचान पुष्यमित्र शुंग से की है।
- यह अभिलेख ब्राह्मी लिपि में अंकित है। इसमें खारवेल की उपलब्धियों का वर्णन मिलता है। इसी अभिलेख से जानकारी मिलती है, कि खारवेल जैन मतानुयायी था और उसके वंश का संस्थापक महामेघवान था।
- इस अभिलेख के अनुसार खारवेल ने शासन के 5 वें वर्ष सिंचाई के लिये महापदमनंद द्वारा निर्मित नहर का विस्तार तनसुलि से कलिंग तक करवाया। कलिंग कहाँ स्थित है?
YouTube Video
Note :
उड़ीसा के भुवनेश्वर नामक स्थान से तीन मील दूर उदयगिरि नाम की पहाड़ी है, जिसकी एक गुफा में एक शिलालेख उपलब्ध हुआ है, जो ‘हाथीगुम्फा शिलालेख’ के नाम से प्रसिद्ध है। इसे कलिंगराज खारवेल ने उत्कीर्ण कराया था। यह लेख प्राकृत भाषा में है और प्राचीन भारतीय इतिहास के लिए इसका बहुत अधिक महत्त्व है।
Reference : https://www.indiaolddays.com/