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पित्ती क्या होती है एवं इसका इलाज | Pittee kya hotee hai evan isaka ilaaj | What is hives and its treatment
पित्ती – रक्त में अति उष्णता होने से पित्त प्रकोप के कारण शरीर के अंगों में निकलनेवाले ददोरे।

पित्ती, गोलाकार या रिंग के आकार के पैच या चकत्ते होते हैं जो त्वचा पर निर्मित होते हैं और वे शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकते हैं।
पित्ती के इलाज में हल्दी का उपयोग

- हल्दी चूर्ण आधा चम्मच तथा आधा चम्मच मिश्री या शहद मिलाकर नित्य खाने से बार-बार पित्ती उछलना व ददौरे पङना बंद हो जाता है।
- हल्दी व गेरु चूर्ण 2-2 ग्राम को शहद में मिलाकर चाटने से ददौरे अपने आप दूर हो जाएँगे।
- सुबह बासी मुँह 2-3 ग्राम हल्दी की फँकी लेकर गर्म दूध पी लें। शाम को भी ऐसा ही करें। पित्ती शांत हो जाएगी।
- हल्दी चूर्ण और गेहूँ का आटा 10-10 ग्राम को दस ग्राम गाय के घी में भून कर 20 ग्राम बुरे की एक तार चाशनी में मिलाकर या हलुआ बनाकर खा लें। ऊपर से एक गिलास दूध पी लें। पित्ती शांत हो जाएगी।
- हल्दी, जौ का आटा और दूब को एक साथ महीन पीसकर सरसों का तेल मिलाकर पित्ती पर हल्का सा लेप करें। लाभ होगा।
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