मध्यकाल में टंका क्या होता था?

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मध्यकाल में टंका क्या होता था?

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टंका – यह मुख्य मुद्रा की इकाई था। टंका एक तोला सोने का या फिर चाँदी का होता था।

  • सबसे पहले शुद्ध अरबी सिक्के जारी किये। (चाँदी का टंका एवं ताँबे का जीतल)
  •  इल्तुतमिश पहला तुर्क सुल्तान था, जिसने शुद्ध अरबी सिक्के चलवाये। उसने सल्तनत कालीन दो महत्त्वपूर्ण सिक्के ‘चाँदी का टका’ (लगभग 175 ग्रेन) तथा ‘तांबे’ का ‘जीतल’ चलवाया।
  • इल्तुतमिश ने सिक्कों पर टकसाल के नाम अंकित करवाने की परम्परा को आरम्भ किया। सिक्कों पर इल्तुतमिश ने अपना उल्लेख खलीफा के प्रतिनिधि के रूप में किया है।
  • ग्वालियर विजय के बाद इल्तुतमिश ने अपने सिक्कों पर कुछ गौरवपूर्ण शब्दों को अंकित करवाया, जैसे “शक्तिशाली सुल्तान”, “साम्राज्य व धर्म का सूर्य”, “धर्मनिष्ठों के नायक के सहायक”। इल्तुतमिश ने अपनी राजधानी को लाहौर से दिल्ली स्थानान्तरित किया।
  • इल्तुतमिश ने अपने नाम का खुतबा पढवाया तथा मानक सिक्के – टंका  चलाया था । टंका चांदी का होता था।  (1 टंका = 48 जीतल)

इल्तुतमिश द्वारा किये कई महत्त्वपूर्ण कार्य

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