अशोक के गुफा अभिलेख
दक्षिणी बिहार के गया जिले में स्थित बराबर नामक पहाङी की तीन गुफाओं की दीवारों पर अशोक के लेख उत्कीर्ण मिले हैं। इनमें अशोक द्वारा आजीवक संप्रदाय के साधुओं के निवास के लिये गुहा-दान में दिये जाने का विवरण मिलता है।
ये सभी अभिलेख प्राकृत भाषा में ब्राह्मी लिपि में लिखे गये हैं। केवल दो अभिलेखों – शाहबाजगढी तथा मानसेहरा की लिपि ब्राह्मी न होकर खरोष्ठी है। यह दाईं से बाईं ओर लिखी गई है।
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इन लेखों के अलावा तक्षशिला से अरामेईक लिपि में लिखा गया है एक भग्न अभिलेख, कंदहार के पास शरे-कुना नामक स्थान से यूनानी तथा अरामेईक लिपियों में लिखा गया द्विभाषीय, काबुल नदी के बायें किनारे पर जलालाबाद के ऊपर स्थित लघमान नामक स्थान से अरामेईक लिपि में लिखा गया अशोक का अभिलेख प्राप्त हुआ है।
बराबर की गुफा का चित्र।

बराबर पहाङी गुफा अभिलेख (गया, बिहार) – इसकी खोज हेरिंग्टन ने 1785 ई. में की थी। यहाँ पर कुल 4 पहाङी हैं, जिनमें से 3 अशोक तथा 1 दशरथ ने बनवाई थी।
अशोक के सप्त स्तंभ लेख कहाँ-2 स्थित हैं?
अशोक ने तीन पहाङी बनवाकर आजीवकों को दान में दी थी। जो निम्नलिखित हैं-
- कर्ण-चौपर – गुफा
- सुदामा – गुफा
- विश्व झोपङी – गुफा
लोमष ऋषि की गुफा- दशरथ द्वारा बनवाई गई तथा आजीवकों को दान में दी गई।
नागार्जुनी पहाङी गुफा अभिलेख (गया, बिहार)- दशरथ द्वारा बनवाई गई तथा आजीवकों को दान में दी गयी।यहां के लोगों ने इसका नाम गोपिका,वर्णियका, वहिपका दे दिया ।
Reference : https://www.indiaolddays.com/