Suman
- गुप्त काल
वैन्यगुप्त का इतिहास
गुणैधर ताम्रपत्र में उसके दो प्रांतीय शासकों - विजयसेन एवं रुद्रदत्त के नाम मिलते हैं तथा बौद्ध विहार के लिये…
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स्कंदगुप्त के लोकोपकारिता के कार्य
स्कंदगुप्त एक धर्मनिष्ठ वैष्णव था तथा उसकी उपाधि परमभागवत की थी। उसने भितरी में भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करवायी…
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स्कंदगुप्त का शासन-प्रबंध कैसा था
स्कंदगुप्त का शासन बङा ही उदार था। उसके शासन में प्रजा पूर्णरुपेण सुखी एवं समृद्ध थी। किसी को कोई कष्ट…
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स्कंदगुप्त का साम्राज्य विस्तार
गरुङ प्रकार के सिक्के पश्चिमी भारत, वेदी प्रकार के सिक्के भारत तथा नंदी प्रकार के सिक्के काठियावाङ में प्रचलित करवाने…
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कुमारगुप्त प्रथम की उपलब्धियाँ
कुमारगुप्त प्रथम का शासन शांति और सुव्यवस्था का काल था। उसके समय में गुप्त साम्राज्य अपने उत्कर्ष की पराकाष्ठा पर…
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कुमारगुप्त प्रथम का शासन काल
उसके उत्तराधिकारी स्कंदगुप्त के शासन काल की प्रथम तिथि भी यही है, जो उसके जूनागढ अभिलेख में अंकित है। अतः…
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चंद्रगुप्त द्वितीय के सिक्के
इस प्रकार के सिक्के सबसे अधिक मिलते हैं। इनके मुख भाग पर धनुष-बाण लिये हुये राजा की मूर्ति, गरुङध्वज तथा…
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चंद्रगुप्त द्वितीय का विद्या प्रेम
हम कह सकते हैं,कि चंद्रगुप्त का काल में गुप्त शासन का स्वर्ण युग था।
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चंद्रगुप्त द्वितीय की शासन-व्यवस्था कैसी थी
चंद्रगुप्त द्वितीय एक योग्य एवं कुशल शासक था। गुप्त प्रशासन का निर्मण उसी ने किया था। चंद्रगुप्त द्वितीय का शासन…
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चंद्रगुप्त (विक्रमादित्य)की विजय
शक उन दिनों गुजरात और काठियावाङ में शासन करते थे। यद्यपि उन्होंने समुद्रगुप्त की अधीनता स्वीकार कर ली थी, तथापि…
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