इतिहास
- दिसम्बर- 2019 -21 दिसम्बर
चंदेल शासक मदनवर्मा का इतिहास
मऊलेख से पता चलता है, कि मदनवर्मा ने ही चेदि तथा परमार राजाओं को परास्त किया तथा काशी के राजा…
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चंदेल शासक कीर्त्तिवर्मन् का इतिहास
बिल्हण भी लिखता है, कि डाहल का राजा कर्ण कालंजरगिरि के स्वामी के लिये काल था। अतः कर्ण को पराजित…
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चंदेल शासक विद्याधर का इतिहास
विद्याधर के राजा बनते ही महमूद गजनवी के नेतृत्व में तुर्कों के हिन्दू राजाओं पर आक्रमण तेज हो गये। किन्तु…
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चंदेल शासक धंग का इतिहास
धंग ने कालंजर को पूरी तरह से जीत लिया तथा कालंजर को अपने राज्य की राजधानी बनाया। उसके बाद धंग…
Read More » - 19 दिसम्बर
चंदेल शासक यशोवर्मन् का इतिहास
गोविंद चतुर्थ के समय में आंतरिक कलह के कारण राष्ट्रकूटों की स्थिति भी खराब हो गयी थी तथा वे उत्तर…
Read More » - 18 दिसम्बर
चंदेल शासक हर्ष का इतिहास
खजुराहो लेख के अनुसार उसने प्रतिहार शासक क्षितिपाल (महीपाल) को पुनः कन्नौज की गद्दी पर बैठाया। ऐसा प्रतीत होता है,…
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जेजाकभुक्ति (बुंदेलखंड) के चंदेल शासकों के इतिहास के साधन
खजुराहो (छत्रपुर, मध्यप्रदेश) के विक्रम संवत् 1011 अर्थात् 954 ईस्वी तथा विक्रम संवत् 1059 अर्थात् 1002 ईस्वी का लेख।
Read More » - 17 दिसम्बर
नवसाहसांकचरित नामक पुस्तक की रचना किसने की
नवसाहसांकचरित( navasaahasaankacharit ) प्राचीन संस्कृत ग्रंथ है। नवसाहसांकचरित के रचयिता पद्मगुप्त परिमल(Padmagupta parimal) थे।
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परमार वंश के राजनैतिक इतिहास का वर्णन
परमार वंश की स्थापना 10 वीं शता. ईस्वी के प्रथम चरण में उपेन्द्र अथवा कृष्णराज नामक व्यक्ति ने की थी।…
Read More » - 15 दिसम्बर
परमार भोज के उत्तराधिकारी तथा परमार सत्ता का अंत
नरवर्मा का उत्तराधिकारी उसका पुत्र यशोवर्मा (1133-1142 ईस्वी) हुआ। उसके समय चालुक्यों के आक्रमण के कारण मालवा की स्थिति काफी…
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