इतिहासचंदेल वंशप्राचीन भारत

चंदेल शासक कीर्त्तिवर्मन् का इतिहास

चंदेल शासक देववर्मन् के बाद उसका छोटा भाई कीर्त्तिवर्मन् राजा बना। उसके राज्यारोहण के समय चेदि नरेश कर्ण ने देववर्मन् को हराकर चंदेल राज्य पर अधिकार कर लिया था।

चंदेल शासक धंग का इतिहास

प्रबोधचंद्रोदय में कहा गया है, कि चेदि नरेश ने चंद्रवंश को पदच्युत कर दिया।

Prev 1 of 1 Next
Prev 1 of 1 Next

बिल्हण भी लिखता है, कि डाहल का राजा कर्ण कालंजरगिरि के स्वामी के लिये काल था। अतः कर्ण को पराजित कर अपने साम्राज्य का उद्धार करना कीर्त्तिवर्मन् की पहली प्राथमिकता थी। उसने चेदि नरेश कर्ण को परास्त कर अपने वंश की स्वतंत्रता को फिर से हासिल किया था।

प्रबोधचंद्रोदय नाटक में कर्ण को पराजित करने का श्रेय गोपाल नामक सामंत को दिया गया है। जो कीर्त्तिवर्मन् का सामंत था।

कीर्तिवर्मन एक शक्तिशाली शासक होने के साथ – साथ विद्वानों का संरक्षक भी था, उसके राजदरबार में प्रसिद्ध विद्वान कृष्ण मिश्र निवास करते थे। कृष्ण मिश्र ने प्रबंधचंद्रोदय की रचना की थी।

कई लेखों से कीर्त्तिवर्मन के अन्य पदाधिकारियों के नाम भी मिलते हैं। गोपाल मक सामंत के अलावा वत्स नामक सामंत भी था जिसने बेतवा घाटी को जीता था। उसका सचिव अनंत वीरता तथा निपुणता में प्रसिद्ध था। अनंत महीपाल का पुत्र था, जो विजयपाल के समय मंत्री रह चुका था। कीर्त्तिवर्मन् ने अनंत को महत्त्वपूर्ण पदों जैसे – मंत्राधिकारी, हस्ति अश्वसेना, पुस्बलाध्यक्ष, अभिमत सचिव आदि पदों पर नियुक्त किया था।

एक अन्य लेख वास्तव्य कायस्थ महेश्वर नामक अधिकारी का उल्लेख मिलता है, जो कालंजर का विशिष्ट प्रशासनिक अधिकारी था।

कीर्तिवर्मन के बाद के चंदेल शासक

कीर्तिवर्मन ने 1100 ईस्वी तक शासन किया। कीर्तिवर्मन का पुत्र सल्लक्षणवर्मा अथवा हल्लक्षणवर्मा राजा बना। सल्लक्षणवर्मा ज्यादा प्रसिद्ध शासक नहीं था। इसके बाद इसका पुत्र जयवर्मन् चंदेल वंश का राजा बना। खजुराहो से जयवर्मन् का लेख मिलता है। यह लेख धंग के लेख का नवीनीकरण है। इसका लेखन गौङ जयपाल कायस्थ द्वारा किया गया है, जो एक विद्वान था। किन्तु लेख से जयवर्मन् की राजनीतिक उपलब्धियों की कोई जानकारी नहीं मिलती । उसका उत्तराधिकारी पृथ्वीवर्मन् हुआ। गदाधर पृथ्वीवर्मन् के समय में प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी था।

References :
1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव 

India Old Days : Search

Search For IndiaOldDays only

  

Related Articles

error: Content is protected !!