आधुनिक भारतइतिहास

नागरिकों के मूल कर्तव्य

नागरिकों के मूल कर्तव्य (Fundamental duties of Indian citizens)

मूल कर्तव्य – भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह-

अनुच्छेद 51 क

क.) संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे,
ख.) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को ह्रदय में संजोए रखे और उनका पालन करे,
ग.) भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण बनाए रखे,
घ.) देश की रक्षा करे और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे,
ङ.) भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभावों से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों,
च.) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करे,
छ.) प्राकृतिक पर्यावरण की, जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव हैं, रक्षा करे और उसका संवर्धन करे तथा प्राणिमात्र के प्रति दयाभाव रखे,
ज.) वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे,
झ.) सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे,
ञ.) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढने का सतत् प्रयास करे, जिससे राष्ट्र निरंतर बढते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू सके, और
ट.) यदि माता-पिता या संरक्षक है, छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले अपने, यथास्थिति, बालक तथा प्रतिपाल्य को शिक्षा के अवसर प्रदान करे।

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