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- दिसम्बर- 2019 -30 दिसम्बरइतिहास
सोलंकी वंश के शासक मूलराज का इतिहास
मूलराज एक शक्तिशाली शासक था। गद्दी पर बैठने के बाद वह साम्राज्य विस्तार के कार्य में जुट गया। कादि लेख…
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सोलंकी वंश के इतिहास के साधन क्या-क्या थे
गुजरात के चौलुक्य वंश का इतिहास हम मुख्य रूप से जैन लेखकों के ग्रंथों में पता लगाते हैं। ये लेखक…
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कलचुरि सत्ता का विनाश कैसे हुआ
त्रिपुरी के कलचुरि शासक कर्ण की मृत्यु के बाद कलचुरियों की शक्ति क्रमशः क्षीण होने लगी थी। उसके बाद उसकी…
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कलचुरि शासक कर्ण अथवा लक्ष्मीकर्ण (1041-1070)का इतिहास
कलचुरि शासक गांगेयदेव के बाद उसका पुत्र कर्णदेव अथवा लक्ष्मीकर्ण शासक बना। वह अपने वंश का सर्वाधिक शक्तिशाली राजा था।…
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कलचुरि सत्ता का उत्कर्ष – गांगेयदेव विक्रमादित्य (1019-1041 ईस्वी)
कोक्कल द्वितीय के बाद उसका पुत्र गांगेयदेव विक्रमादित्य कलचुरिवंश का एक प्रतापी राजा हुआ। उसके राज्यारोहण के समय कलचुरि राज्य…
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त्रिपुरी डाहल के कलचुरि वंश के शासक लक्ष्मणराज का इतिहास
बिल्हारी लेख के अनुसार युवराज ने कोशलराज को जीतते हुये आगे बढकर उङीसा के राजा से रत्न और स्वर्ण से…
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त्रिपुरी (डाहल) के कलचुरि शासक युवराज प्रथम का इतिहास
त्रिपुरी के कलचुरि वंश के शासक शंकरगण के दो पुत्र था - बालहर्ष और युवराज प्रथम। बालहर्ष का शासन अल्पकालीन…
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डहाल कलचुरि वंश के शासक शंकरगण का इतिहास
डहाल कलचुरि वंश का संस्थापक कोक्कल के 18 पुत्र थे। इनमें उसका सबसे बङा पुत्र शंकरगण उसकी मृत्यु के बाद…
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त्रिपुरी (डाहल) के कलचुरि वंश का इतिहास
कलचुरी वंश के इतिहास में त्रिपुरी का डाहल कलचुरि वंश सबसे महत्त्वपूर्ण वंश था। इसने मध्य भारत पर तीन शताब्दियों…
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त्रिपुरी का कलचुरि-चेदि राजवंश के इतिहास के साधन
चंदेल राज्य के दक्षिण में चेदि के कलचुरियों का राज्य स्थित था। उसकी राजधानी त्रिपुरी में थी, जिसकी पहचान मध्य…
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