इतिहासमध्यकालीन भारत

इस्लामिक इतिहास : इस्लाम की उत्पत्ति तथा विकास

इस्लाम की उत्पत्ति तथा विकास – इस्लाम, जिसका शाब्दिक अर्थ समर्पण है, की उत्पत्ति अरब में मक्का में हुई थी। व्यस्त व्यावसायिक मार्गों के संगम पर बसे होने के कारण मक्का अत्यंत समृद्ध हो गया था। मक्का में स्थित काबा के वार्षिक धार्मिक दर्शन के कारण मक्का का व्यावसायिक महत्त्व दोगुना हो गया था।

इस्लामिक इतिहास

इस्लाम के संस्थापक मुहम्मद अब्दुल्ला तथा अमीना के पुत्र थे जिनका पालन-पोषण उनके चाचा अबु तालिब ने किया था। खजीदा नामक एक विधवा से विवाह कर उन्होंने अपनी पहचान समाज के कमजोर वर्गों में स्थापित की। मुहम्मद का मानना था कि वे अल्लाह के दूत हैं। उनकी पत्नी तथा उनका चचेरा भाई अली उनके प्रारंभिक अनुयायी बने तथा शीघ्र ही उनके मित्रों ने उन्हें पैगंबर के रूप में स्वीकार कर लिया। लेकिन उनकी शिक्षाओं के कारण मक्का के समृद्ध व्यक्ति उनके शत्रु बन गए। परिणामस्वरूप 24 सितंबर, 622 ई. को मुहम्मद मदीना चले गए।

बाद में उनके प्रवर्जन के साथ मुस्लिम हिज्रा युग की शुरुआत मानी गयी तथा चंद्रमा की गति पर आधारित मुस्लिम कैलेंडर से मेल खाने के लिये इसे 24 सितंबर की जगह 16 जुलाई 622 ई. माना गया। प्रवर्जनकारी मुहाजिर कहे गए। मदीना के निवासी, जिन्होंने प्रवर्जनकारियों की सहायता की, अंसार अथवा मददगार कहलाए। मुहम्मद अपने अनुयायियों के साथ 630 ई. तक मक्का लौट गए। उनकी मृत्यु जून 632 ई. में हो गयी।

मुहम्मद की मृत्यु के बाद मदीना के मुहाजिरों तथा अंसारों ने अबु बक्र को खलीफा (उत्तराधिकारी) चुना क्योंकि मुहम्मद ने किसी को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त नहीं किया था। लेकिन पैगंबर के कुछ अन्य अनुयायी तथा पैगंबर के हाशिमी कबीले के सदस्य इससे अलग हो गए, जिनका मानना था कि मुहम्मद ने अपने दामाद अली को अपना उत्तराधिकारी नामजद किया था। अली के समर्थक शिया कहलाए जबकि अबु बक्र के समर्थक सुन्नी कहे गए।

अबु बक्र (632-34ई.) ने उमर अल-खत्तब (634-44ई.) को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया जिसके काल में सीरिया फिलिस्तीन एवं मिश्र के बाई जेंटिनियायी क्षेत्र तथा ईरान एवं ईराक के सासानियायी क्षेत्र खलीफा के अधीन आ गए। उमर की हत्या उसके एक ईरानी दास ने कर दी तौ पैगंबर के वरिष्ठ सहयोगियों में से एक, उस्मान (644-56ई.), को खलीफा बनाया गया। उस्मान के शासन काल के 6 वर्षों का पूर्वार्द्ध शांतिपूर्ण रहा पर उत्तरार्द्ध में गृहयुद्ध छिङ गया। परिणामस्वरूप समुदाय के पतन को रोकने के लिये अली (656-61ई.) ने खलीफा का पद स्वीकार किया।

उस्मान के संबंधी सीरिया के शासक मुआविया ने अली की अधीनता मानना स्वीकार कर दिया। अंततः अली की हत्या हो गयी और मुआविया खलीफा बना जिसने उमय्यद वंश (661-743ई.) की नींव डाली। एक शताब्दी के अंदर ही उमय्यद वंश अब्बासिद वंश (749-1258ई.) द्वारा विस्थापित कर दिया जो ईरान तथा अरब की उमय्यद विरोधी जनता के बीच लोकप्रिय थे। हालांकि उमय्यद तथा अब्बासिद खलीफा कहे जाते थे, पर वे वंशानुगत थे। पैगंबर के बाद के चार शासक (अबु, बक्र, उमर, उस्मान तथा अली) रशीदुन (उचित खलीफा) कहे जाते हैं।

References :
1. पुस्तक- भारत का इतिहास, लेखक- के.कृष्ण रेड्डी

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