इतिहासराजस्थान का इतिहास

कुम्भा के इतिहास की जानकारी के स्रोत

कुम्भा के इतिहास की जानकारी

कुम्भा – महाराणा कुम्भा ने 1433 ई. से 1468 ई. तक मेवाङ पर शासन किया। उसके शासनकाल की जानकारी हमें विविध स्रोतों से प्राप्त होती है। अब तक लगभग 60 ऐसे शिलालेख प्राप्त हो चुके हैं जो कुम्भा के बारे में किसी न किसी प्रकार की जानकारी देते हैं। एकलिंग मंदिर से एकलिंग महात्म्य प्राप्त हुआ है।

इसके प्रथम भाग को राजवर्णन के नाम से पुकारा जाता है और इसे कुम्भा ने स्वयं लिखा था। दूसरा भाग भी संभवतः उसी के निर्देशानुसार लिखा गया था। इसलिये विद्वानों की दृष्टि में एकलिंग माहात्म्य कुम्भा के शासनकाल का एक महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक साधन है।

कुम्भा द्वारा रचित रसिक प्रिया (जयदेव के गीत-गोविन्द की टीका)से कुम्भा की विभिन्न उपाधियों तथा उपलब्धियों की जानकारी मिलती है। कुम्भलगढ दुर्ग में नामदेव के मंदिर से तीन चट्टानों पर उत्कीर्ण कुम्भलगढ प्रशस्ति (1460ई.)से कुम्भा की राजनीतिक उपलब्धियाँ, राज्य विस्तार, उपाधियाँ साहित्यिक रचनाएँ, कुम्भा द्वारा निर्मित विभिन्न दुर्गों आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

ऐसा अनुमान है कि यह प्रशस्ति पाँच चट्टानों पर उत्कीर्ण करवाई गई थी। दो चट्टानें नष्ट हो चुकी हैं। ऐसा अनुमान है कि यह प्रशस्ति पांच चट्टानों पर उत्कीर्ण करवाई गई थी। दो चट्टानें नष्ट हो चुकी हैं। अब केवल तीन चट्टानें बची हैं।

चित्तौङ दुर्ग में स्थित कीर्ति स्तम्भ का शिलालेख भी एक महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक साधन है।

कुम्भा

इसे 1460 ई. में उत्कीर्ण करवाया गया था और महेश नामक विद्वान ने इसे लिपिबद्ध किया था। इस शिलालेख से हमें कुम्भा द्वारा मालवा, गुजरात तथा पङौसी राज्यों के विरुद्ध लङे गये युद्धों एवं उनमें प्राप्त विजयों की जानकारी प्राप्त होती है।

कुम्भा की सांस्कृतिक उपलब्धियों तथा उसके समय में उसके सामंतों की स्थिति पर भी इस शिलालेख से जानकारी मिलती है। इसके अलावा फारसी तवारीखों से भी कुम्भा के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी मिलती है। इस प्रकार, कुम्भा की जानकारी के अनेक स्रोत उपलब्ध हैं।

परंतु इस संबंध में ध्यान देने योग्य बात यह है कि इन साधनों से प्राप्त होने वाली जानकारी को तभी प्रामाणिक मानना चाहिये जबकि उसकी पुष्टि अन्य ऐतिहासिक साधनों से होती हो। क्योंकि अधिकांश साधनों में अतिशयोक्तिपूर्ण तथा एकपक्षीय विवरण दिया गया है।

References :
1. पुस्तक - राजस्थान का इतिहास, लेखक- शर्मा व्यास
Online References
wikipedia : कुम्भा

Related Articles

error: Content is protected !!