इतिहासविश्व का इतिहास

ट्रायनों की संधि

ट्रायनों की संधि

ट्रायनों की संधि

4 जून, 1920 को हंगरी के साथ ट्रायनों (ट्रियनों) की संधि की गई। यह संधि हंगरी की नवनिर्मित राष्ट्रीय सरकार के साथ संपन्न की गयी थी। हंगरी के फ्यूम क्षेत्र को लेकर इटली और यूगोस्लाविया में काफी तनाव पैदा हो गया और अंत में दोनों ने फ्यूम को एक स्वतंत्र नगर मान लिया।

1924 में दोनों देशों में पुनः संधि हुई जिसके अनुसार फ्यूम इटली को और फ्यूम का उपनगर सूशाक यूगोस्लाविया को प्राप्त हुआ। ट्रियनों की संधि के अनुसार हंगरी को आस्ट्रिया से पृथक कर दिया गया और हंगरी का बुर्जनलैण्ड का क्षेत्र आस्ट्रिया को प्रदान किया गया। ट्रांसिलवानिया और उनके पङौस का कुछ क्षेत्र रूमानिया को दिया गया।

ट्रायनों की संधि

क्रोशिया यूगोस्लाविया को और स्लोवाकिया का क्षेत्र चेकोस्लोवाकिया को दिए गए। यूगोस्लाविया को स्लावोनिया और बानात का लगभग आधा भाग भी मिला।

वर्साय की संधि

संधि के अनुसार हंगरी को भी युद्ध के लिये दोषी ठहराया गया और उसकी सैनिक शक्ति को भी कमजोर बना दिया गया। अब वह 35 हजार से अधिक सैनिक नहीं रख सकता था। उसकी जल सेना भंग कर दी गयी और अस्र-शस्रों को काफी सीमित कर दिया गया।

अन्य पराजित देशों की भाँति हंगरी पर भी क्षतिपूर्ति की एक बहुत बङी रकम थोम दी गई। इस संधि ने हंगरी को एक कमजोर देश बना दिया। उसकी आबादी 2 करोङ 10 लाख से घटकर केवल 75 लाख रह गयी। उसका क्षेत्रफल 1 लाख 25 हजार वर्गमील से घटकर 35 हजार वर्गमील रह गया।

1. पुस्तक- आधुनिक विश्व का इतिहास (1500-1945ई.), लेखक - कालूराम शर्मा

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