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फैजाबाद की संधि

फैजाबाद की संधि

फैजाबाद की संधि (Treaty of Faizabad)

1775 ई. में अवध के नवाब शुजाउद्दौला की मृत्यु हो गयी तथा उसकी मृत्यु के बाद उसका 26 वर्षीय पुत्र आसफुद्दौला गद्दी पर बैठा। उसने 1775 से 1797 तक अवध पर शासन किया तथा इस अवधि में अवध का पतन होने लगा।

वह अयोग्य और विलाप्रिय व्यक्ति था तथा अपना अधिकांश समय भोग-विलास में व्यतीत करता था। आसफुद्दौला के गद्दी पर बैठने के बाद कंपनी ने उसे सूचित किया कि कंपनी और नवाब के बीच व्यक्तिगत आधार पर संधियां की गई थी और मृत नवाब के बाद दोनों पक्षों के बीच संबंध समाप्त हो गये थे।

अतः उन्होंने आसफुद्दौला पर दबाव डाला कि वह अंग्रेजी कंपनी के साथ एक नई संधि करे। बाध्य होकर अवध के नवाब ने अंग्रेजों के साथ नई संधि करना स्वीकार कर लिया। अतः 22 मई, 1775 ई. को अवध के नवाब आसफुद्दौला तथा अंग्रेजी कंपनी के बीच एक संधि हुई, जिसे फैजाबाद की संधि कहते हैं।

फैजाबाद की संधि की प्रमुख शर्तें निम्नलिखित थी-

  • कंपनी ने किसी भी आक्रमण के समय अवध की सुरक्षा करने का वचन दिया।
  • अवध की सुरक्षा के लिए ब्रिटिश सेना नियुक्त की गयी।
  • अवध के नवाब ने बनारस, गाजीपुर तथा चुनार के जिले कंपनी के अधिकार में हमेशा के लिए सौंप दिये।
  • अवध की सुरक्षा के लिए जो एक ब्रिगेड सेना नियुक्त की गयी, उसका खर्च नवाब को वहन करना होगा। कंपनी को 50 हजार रुपया प्रति ब्रिगेड प्रतिमास अधिक दिया जाना स्वीकार किया गया।

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