प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल राजगृह
बिहार के पटना के समीप वर्तमान राजगीर नामक स्थान ही राजगृह है। यहाँ मगध जनपद की प्रारम्भिक राजधानी थी। इसका नाम गिरिव्रज भी मिलता है। यह नगर पहाड़ियों से घिरा हुआ था। बुद्धकाल मे यह भारत का प्रसिद्ध नगर था। इसकी स्थापना का श्रेय मगध के प्रथम ऐतिहासिक शासक बिम्बिसार को दिया जाता है।
पाली साहित्य में राजगृह की परिधि तीन मील बताई गयी है। बौद्ध धर्म का यह प्रमुख केन्द्र था। महात्मा बुद्ध ने स्वयं कई बार इस स्थान पर जाकर निवास किया तथा अपने धर्मोपदेश दिये थे। यहाँ उनके बहुसंख्यक अनुयायी थे। यहाँ स्तूप एवं विहार भी बने थे।
हुएनसांग ने यहाँ के एक स्तूप का विवरण दिया है। नगर के उत्तर में ‘गृद्धकूट’ नामक प्रसिद्ध पहाड़ी थी जहाँ बुद्ध निवास करते थे। बौद्धधर्म का केन्द्र होने के साथ-2 राजगृह एक व्यापारिक केन्द्र भी था। यहाँ से होकर अनेक व्यापारिक मार्ग गुजरते थे। श्रावस्ती, कपिलवस्तु, कुशीनगर आदि के साथ राजगृह का व्यापारिक सम्बन्ध था। मगध राजाओं की राजधानी पाटलिपुत्र बन जाने के बाद राजगृह का महत्व समाप्त हो गया। गुप्तकाल तक यह नगर वीरान हो चुका था।
References : 1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
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