प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल गिरिव्रज
बिहार की राजधानी पटना के समीप राजगृह अथवा गिरिव्रज प्राचीन समय में मगध राज्य की राजधानी थी। पुराणों से पता चलता है कि प्रद्योत ने यहाँ मगध की राजधानी बसाई थी। महाभारत काल में जरासंध नामक राजा की यहाँ राजधानी थी। बताया गया है जरासंध ने सभी राजाओं को जीतकर गिरिव्रज में बन्दी बना लिया था।
मगध नरेश बिम्बिसार तथा अज्ञातशत्रु के समय में राजधानी राजगृह नामक स्थान में थी। महाभारत काल में राजगृह एक तीर्थ माना जाता था। इस स्थान का सम्बन्ध महावीर तथा बुद्ध से भी रहा। कल्पसूत्र से पता चलता है कि महावीर ने यहाँ 14 वर्षावास किये थे। बुद्ध ने यहाँ निवास किया था। चीनी यात्री हुएनसांग ने भी राजगृह की यात्रा की थी। वह यहाँ के बौद्ध स्थानों का वर्णन करता है
जैनग्रन्थ विविधतीर्थकल्प के अनुसार राजगृह नगर पाँच पहाड़ियों के बीच बसा हुआ था- विपुलगिरि, रत्नगिरि, उदयगिरि, सोनगिरि तथा वैभारगिरि। रत्नगिरि में बुद्ध का प्रिय निवास था जो ‘गृद्धकूट’ नाम से प्रसिद्ध था। राजगृह नगर के चारों ओर पत्थर की सुदृढ़ प्राचीरें बनाई गयी थी। यहाँ का कुशल शिल्पी महागोविन्द था जिसने यहाँ के नगर निर्माण की योजना बनाई थी। यहाँ का सर्वप्रथम स्थल ‘सप्तपर्णीगुफा’ है जहाँ प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन हुआ था।
References : 1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
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