प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल पृथूदक
हरियाणा राज्य के अम्बाला जिले में आधुनिक ‘पहेवा’ नामक स्थान ही प्राचीन समय का पृथूदक है। महाभारत में इसे पवित्र तीर्थ कहा गया है तथा इसकी स्थिति सरस्वती सरिता के तट पर बताई गयी है। इसकी महिमा का वर्णन करते हुए कहा गया है- कुरूक्षेत्र पुण्यभूमि है। कुरूक्षेत्र से बढ़कर सरस्वती है, सरस्वती बढ़कर तीर्थ है तथा तीर्थों में पृथूदक श्रेष्ठ है। यह सर्वोत्तम तीर्थ है जहाँ स्नान करने से पाप मनुष्य भी स्वर्ग की यात्रा करता है-
पुण्यमाहुः कुरूक्षेत्र कुरूक्षेत्रात् सरस्वती। सरस्वत्याश्च तीर्थानि तीर्थेभ्यश्य पृथूदकम्।।
तत्र स्नात्वा दिवं यान्ति येप्पि पापकृतो नराः। पृथूदके नरश्रेष्ठ एवमाहुर्मनीषिणः।।
महाराज पृथू से सम्बन्धित होने के कारण इस स्थान का नाम ‘पृथूदक’ पड़ गया। सम्प्रति यहाँ अनेक मन्दिरों के खण्डहर वर्तमान हैं। इस नगर को महमूद ने ध्वस्त किया था। यहाँ के पुराने मन्दिरों का जीर्णोद्वार महाराजा रणजीत सिंह द्वारा करवाया गया था।
References : 1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
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