आधुनिक भारतइतिहास

आधुनिक भारतः परीक्षापयोगी महत्त्वपूर्ण तथ्य

बर्नियर

बर्नियर ने मुगल राजसत्ता की नौकरी प्राप्त की थी, उसे उमरा दानिशमंद खान की उपाधि से सम्मानित किया गया था।

ट्रेवैनियर

यह एक प्रसिद्ध जौहरी था, इसने अपने यात्रा विवरण में मयूर सिंहासन का अनोखा चित्रण किया।

डा. जेमेली कैरेरी

फ्रांसीसी यात्री था। इसने औरंगजेब के जीवन के अंतिम दिनों का रोचक चित्रण किया था।

मनूची

यह एक वेनिस निवासी था, जो 16 वर्ष की आयु में भारत आया था, इसने दाराशिकोह के सहयोग से तोप संचालक के रूप में अपने जीवन की शुरूआत की, कालांतर में दारा के पराजित होने के बाद मनूची ने डॉक्टरी पेशा अपना लिया।

मनूची ने एक हास्यास्पद डायरी स्टोरियो डु मोगोर ( मुगल कथायें) के नाम से लिखी।

नादिर शाह ने दिल्ली में कत्लेआम के बाद शाहजहां की उपाधि धारण की और अपने नाम के सिक्के चलाये।

नादिरशाह ने भारत से कुल करीब 70 करोङ रू. की लूट की इसी कारण उसने अपने देश में तीन वर्ष तक कोई कर नहीं लिया।

कला,शिल्प, साहित्य और सांस्कृतिक क्रियाकलापों से संबंधित विशिष्ट लखनऊ संस्कृति के उत्थान का श्रेय सफदरजंग ( अवध के नवाब ) को दिया जाता है।

बंगाल का प्रथम गवर्नर-जनरल वारेन हेस्टिंग्स था।

सर विलियम हंटर के अनुसार – वारेन हेस्टिंग्स ने व्यवस्थित और ठोस रूप में सिविल शासन प्रणाली की आधार शिला रखी, जिस पर कार्नवालिस ने संगठित ढांचा खङा किया।

सहायक संधि-

सहायक संधि द्वारा भारतीय क्षेत्रों को ब्रिटिश साम्राज्य में मिलाने का कार्य लार्ड वेलेजली ने किया।

भारत में सहायक संधि का प्रयोग वेलेजली से पूर्व डूप्ले ने किया।

सहायक संधि स्वीकार करने वाला प्रथम राज्य हैदराबाद (1978) था ।

अन्य राज्य इस प्रकार थे-

  • मैसूर(1799),
  • तंजौर (1799),
  • अवध ( 1801 ),
  • पेशवा ( 1801 ),
  • भोंसले( 1803 ),
  • सिंधिया ( 1804)

1833 में संपन्न ड्यूरेन्ड समझौते द्वारा भारत और अफगानिस्तान के बीच एक सीमा रेखा खिंची।

डफरिन गवर्नर जनरल के शासन काल में भारत में इंपीरियल सर्विस कोर की स्थापना हुई।

प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य करने का विधेयक सर्वप्रथम जी.के.गोखले (गोपालकृष्ण गोखले) ने ही इंपीरियल काउंसिल में रखा।

तिलक ने जी.जी.आगरकर के साथ केसरी और मराठा का प्रकाशन किया।

बहिष्कार का प्रथम उल्लेख कृष्ण कुमार ने अपने साप्ताहिक पत्र संजीवनी के 13 जुलाई, 1905 के अंक में किया।

भारतीय प्रशासनिक सेवा का राजनैतिक दार्शनिक जेम्स स्टीफन को माना जाता है।

आधुनिक भारत का निर्माता डलहौजी को माना जाता है।

संपूर्ण भारत को 1935 में एक समान मुद्रा प्रणाली द्वारा जोङा गया।

एकवर्थ समिति की रिपोर्ट पर 1925 को रेल बजट सामान्य बजट से पृथक हुआ।

बाल गंगाधर तिलक को बेलेंटाइन चिरोल ने अपनी पुस्तक इंडिया अनरेस्ट में भारतीय अशांति का जनक कहा।

भारत में बजट प्रणाली की शुरूआत 1860 में हुई।

भारत में संघीय न्यायलय की स्थापना 1 अक्टूबर,1937 को हुआ।

भारत में ब्रिटिश साम्राज्यवाद के तीन महत्त्वपूर्ण स्तंभ थे –

  • लोकसेवा,
  • सैन्यसेवा और
  • पुलस सेवा।

कार्नवालिस ने भारत के आधुनिक अर्थ में दरोगा और इसके सिपाहियों के अधीन थानों का सूत्रपात किया(1792)।

1873 के अधिनियम ने 1 जनवरी, 1874 को ईस्ट इंडिया कंपनी को विधिवत रूप से समाप्त कर दिया।

सत्येन्द्र नारायण सिन्हा गवर्नर-जनरल के परिषद के विधि सदस्य नियुक्त किये जाने वाले पहले भारतीय थे।

भारत में मुद्रणालयों की स्थापना सर्वप्रथम पुर्तगालियों ने की।

भारत में छपने वाला प्रथम समाचार पत्र बंगाल गजट ( अंग्रेजी ) था, जिसका संपादन और प्रकाशन जेम्स ऑगस्टन हिक्की ने किया।

गंगाधर भट्टाचार्य प्रथम भारतीय थे,जिन्होंने बंगाल गजट नाम से अंग्रेजी समाचार पत्र निकाला।

समाचार पत्रों पर लगाये गये प्रतिबंधों में सर्वाधिक घृणित कानून 1878 रा वर्नाकुलर प्रेस एक्ट था।

चार्ल्स मेटकॉफ को भारतीय समाचार पत्रों का मुक्तिदाता कहा जाता है।

हिक्की और बर्किंघम को भारत में स्वतंत्र तथा तटस्थ पत्रकारिता का जन्मदाता माना जाता है।

भारत में विलियम बैंटिक, लार्ड हेस्टिंग्स, चार्ल्स मेटकॉफ, मैकाले तथा रिपन को भारतीय समाचार पत्रों की स्वतंत्रता का समर्थक माना जाता है।

आधुनिक समय में राष्ट्रवाद शब्द का पहला प्रयोग 1798 में एक जर्मन विचारक आदम विशॉट ने किया था।

कांग्रेस के संस्थापक ए.ओ.ह्यूम द्वारा लिखी गई प्रमुख पुस्तकें –

  • The Rising Tide Progress ( प्रगति का चढता प्रवाह ) ,
  • An Old Man’s Hope(एक वृत्त व्यक्ति की आकांक्षा),
  • The Star Of The East(पूरब का सितारा)

लाला लाजपतराय ने लाहौर में तिलक स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स नामक संस्था की स्थापना की, लाला की महत्त्वपूर्ण साहित्यिक कृति भारत की आत्मा थी।

स्वदेशी शब्द का पहला प्रयोग मदन मोहन मालवीय ने कांग्रेस के 1833 के लाहौर अधिवेशन में किया था।

आर्थिक इतिहासकार विलियम डिग्बी ने 1889 में समृद्ध ब्रिटिश भारत (Prosperous British India)नामक पुस्तक में कर्जन के समय भारत की प्रति व्यक्ति आय 17 रू. 2 आने बताया।

टैगोर और उनके समर्थकों ने स्वदेशी आंदोलन के दौरान ग्रामीण पुनर्निमाण हेतु आत्मशक्ति नाम का आंदोलन शुरू किया, जिससे कालांतर में टैगोर ने श्रीनिकेतन की स्थापना की।

1916 में यंग इंडिया पत्रिका में लाला लाजपतराय ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना से जुङे सेफ्टी वॉल्ब थ्योरी की सर्वप्रथम व्याख्या की।

जिमरमैन प्लान-

इसके अंतर्गत अफगानिस्तान और पश्चिमोंत्तर सीमाप्रांत में अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह शुरु करने की योजना थी।

यह प्लान 1858 के बाद भारतीय सेना का पुनर्गठन पील कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर हुआ।

1901 में भारत में इंस्पेक्टर जनरल ऑफ एग्रीकल्चर की नियुक्ति हुई।

कलकत्ता मदरसा की स्थापना वारेन हेस्टिंग्स द्वारा 1781 में तथा बनारस संस्कृत कॉलेज की स्थापना 1791 में जोनाथन डंकन द्वारा की गयी।

अंग्रेजों की शिक्षा देने की अधोमुखी निस्यंदन सिद्धांत द्वारा शिक्षा सदैव उच्च वर्गों से सामान्य जनता की ओर छन-2 कर जाती थी।

1854 के भारतीय शिक्षा के वुड डिस्पैच को भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा कहा जाता है।

वुड डिस्पैच में पहली बार महिला शिक्षा के प्रसार पर भी जोर दिया गया तथा लोक शिक्षा विभाग की स्थापना की गई।

1882 -83 के हंटर कमीशन के सुझावों में प्राथमिक शिक्षा को विशेष महत्त्व दिया गया।

1902 के भारतीय विश्वविद्यालय आयोग एवं 1904 के विश्वविद्यालय अधिनियम के मध्य महायुद्ध हुआ। परिणामतः नियंत्रण के सिद्धांत एवं गुण की महत्ता के समर्थकों की प्रायः पूर्ण विजय हुई।

1904 में भारत में पुरातत्व विभाग स्थापित किया गया, भारत में शिक्षा महानिदेशक के रूप में एच.डब्ल्यू. आरेन्ज की नियुक्ति हुई।

वारेन हेस्टिंग्स ने पहली बार जिले को न्याय प्रशासन के केन्द्र के रूप में मान्यता दी।

1886 में लार्ड डफरिन ने चार्ल्स एटचनिसन के नेतृत्व में लोक सेवा आयोग की स्थापना की।

एटचनिसन आयोग की रिपोर्ट पर भारत में प्रथम लोक सेवा आयोग की स्थापना 1926 में हुई।

सर हेनरी फाउलर समिति 1898 अशरफी और रूपये को असीमित विधिमान्य मुद्रा घोषित किया।

जनरल सर स्ट्रैची आयोग की स्थापना अकाल राहत हेतु सामान्य सिद्धांतों को सूत्रबद्ध करने के लिए किया गया।

अकाल आयोग-

  • सर रिचर्ड स्ट्रैची आयोग – 1878,
  • जेम्स लायल कमीशन- 1896,
  • सर एन्टनी मैकडोनेल आयोग- 1900

भारतीय सिविल सेवा के भारतीयकरण के सवाल पर 1912 में इसलिंग्टन आयोग का गठन किया गया।

महत्त्वपूर्ण समितियाँ

स्ट्रक्चर समिति (1919)-

  • यह समिति जेल प्रशासन में सुधार हेतु लार्ड पील की अध्यक्षता में हुई थी।

अक्व समिति ( 1925 )-

  • रेल वित्त का सामान्य बजट से पृथक करने के लिए।

मैक्लगन समिति ( 1914-15 )-

  • सहयोगी वित्त के संगठन में बहुमूल्य अनुमोदन के लिये।

डिलिमिटेशन समिति ( 1935 )-

  • पंजीकृत श्रम संज्ञों के आधार पर संघीय सभा ओर प्रांतीय विधान सभाओं में श्रम प्रतिनिधियों के लिए निश्चित संविधान क्षेत्र के संरक्षण का प्रस्ताव।

स्कीन समिति –

  • ब्रिटिश भारत की सेना के भारतीयकरण से संबंधित समिति।

1833 में भारतीय चार्टर अधिनियम द्वारा केवल धर्म, जन्म, स्थान, वंश अथवा वर्ण के आधार पर कोई भी भारतीय किसी पद से वंचित नहीं होगा।

आई.सी.एस. की परीक्षा में प्रवेश की आयु 18 से 23 वर्ष थी, जिसे 1859 में घटाकर 22 वर्ष और 1866 में घटाकर 21 वर्ष कर दी गयी। 1877 में इसे घटाकर केवल 19 वर्ष कर दी गई।

मुस्लिम लीग के प्रथम अध्यक्ष वकार-उल-मुल्क मुश्ताक हुसैन थे, जबकि आगा खां इसमें निर्वाचित अवैतनिक अध्यक्ष थे।

बंकिमचंद्र चटर्जी –

बंकिमचंद्र चटर्जी ने 1882 में आनंदमठ की रचना की, जिसमें वंदेमातरम का उल्लेख मिलता है, इन्होंने बंग दर्शन नामक पत्रिका का प्रकाशन किया। सीताराम और देवी चौधरानी इनकी अन्य महत्त्वपूर्ण पुस्तकें थी।

आर.सी.दत्त ने भारत का आर्थिक इतिहास ( आर्थिक इतिहास पर पहली पुस्तक 1901 ) तथा प्राचीन भारत में सभ्यता का इतिहास नामक पुस्तक लिखी।

दीनबंधु मित्र की श्रेष्ठ रचना नील दर्पण में मोलाहट्टी के यूरोपीय अधिकारियों और बागान मालिकों के शोषण का उल्लेख मिलता है।

नील दर्पण का अंग्रेजी भाषा में अनुवाद माइकेल मधुसूदन ने किया। एक अंग्रेजी पादरी जेम्स लॉग द्वारा नील दर्पण का मंचन करने के कारण उसे सरकार को हर्जाना देना पङा।

सरदार भगतसिंह धर्म, सामाजिक, आचार-व्यवहार और साम्प्रदायिकता जैसे विषयों पर मैं एक नास्तिक क्यों हूँ नामक पुस्तक लिखी।

कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में ब्रिटिश लेखक और दार्शनिक आल्डस हक्सले भी उपस्थित थे।

सर अलेक्जेन्डर मुड्डीमैन के अधीन 1924 में रिफॉर्म इन्क्वायरी समिति का गठन हुआ, जिसका उद्देश्य द्वैध शासन प्रणाली की छानबीन करना था।

धरासणा नमक सत्याग्रह का प्रत्यक्षदर्शी पत्रकार वेब मिलर अमरीका के न्यू फ्रीमैन अखबार में लिखता था।

गांधी जी द्वारा 1932 में स्थापित अखिल भारतीय छुआछूत विरोधी लीग के प्रथम अध्यक्ष जी.डी.बिरला और महासचिव ए.वी.ठक्कर थे।

मैडम भीखाजी कामा को स्वतंत्र भारतीय ध्वज का जनक या उसकी माता और अग्रदूत माना जाता है। इन्होंने भारतीय ध्वज को फहराया।

1903 में स्वराज के विचार का मजाक उङाते हुए जी.के.गोखले ने कहा कि पागलखानों के बाहर केवल पागल व्यक्ति ही स्वतंत्रता के बारे में सोच सकता है।

गांधी जी ने 1921 में शरीर के समूचे वस्त्र को त्यागकर केवल लंगोटी धारण की।

मानवेन्द्र नाथ राय को भारतीय साम्यवाद का अग्रदूत माना जाता है।

तिलक ने गोपालकृष्ण गोखले को भारत का हीरा कहा।

1832 में अखिल भारतीय हिरजन संघ की स्थापना महात्मा गांधी ने की। अंबेडकर ने अखिल भारतीय दलित वर्ग संघ की स्थापना की।

बहिष्कृत भारत पत्रिका का संपादन बी.आर.अंबेडकर ने किया।

इंडियन मुसलमा नामक पुस्तक की रचना विलियम हंटर ने की।

थ्योडोर बैंक जो अलीगढ मुस्लिम कॉलेज के प्रिंसिपल थे, ने संस्थान द्वारा जारी गजट में पहली बार द्विराष्ट्र सिद्धांत की चर्चा की।

लार्ड लिस्टोवेल भारत के अंतिम राज्य सचिव थे।

विलियम बैंटिक भारत के प्रथम गवर्नर-जनरल तथा लार्ड कैनिंग भारत के प्रथम वायसराय थे।

स्वतंत्र भारत के प्रथम और अंतिम अंग्रेज गवर्नर-जनरल लार्ड माउंटबेटन थे।

स्वतंत्र भारत के प्रथम और अंतिम भारतीय गवर्नर-जनरल सी.राजगोपालाचारी थे।

श्रीमती राधाबाई सुब्बाराव प्रथम भारतीय महिला थी, जिन्हें 1930 में राज्य परिषद तथा 1943 में केन्द्रीय लेजिस्लेटिव असेम्बली के लिए चुना गया।

स्वामी विवेकानंद को 19 वी. सदी के उत्तरार्द्ध में नवहिन्दवाद का श्रेष्ठ प्रतिनिधि माना गया।

लार्ड माउण्टबेटन ने गांधी जी को वन मैन बाउन्ड्री फोर्स कहा।

Reference : https://www.indiaolddays.com/

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