आधुनिक भारतइतिहास

राष्ट्रीय क्रांतिकारी संघठन

राष्ट्रीय क्रांतिकारी संगठन

भारत एवं विदेश में गुप्त संस्थाओं का गठन

अनुशीलन समिति – 1902 ई. में अनुशीलन समिति का गठन कलकत्ता में बरीद्रंकुमार घोष, जतींद्र नाथ बनर्जी तथा प्रमोथ मित्तर द्वारा किया गया। ढाका की अनुशीलन समिति पुलिन दास द्वारा 1902ई. में स्थापित की गयी। ये बंगाल की प्रथम क्रांतिकारी गुप्त संस्थाएं थी।

राष्ट्रीय क्रांतिकारी संगठन

मित्र मेला – 1899 ई. में सावरकर बंधुओं द्वारा मित्र मेला का गठन किया गया जो भारत तथा महाराष्ट्र की प्रथम संस्था थी।

अभिनव भारत – गणेश शंकर (बी.डी.सावरकर के बङे भाई ने 1907 ई. में अभिनव भारत की स्थापना की)।

हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिऐशन – सचिन सान्याल तथा योगेश चंद्र चटर्जी ने 1924 ई. में हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन का गठन किया यह अखिल भारतीय स्तर पर पहला संगठन था।

गदर पार्टी – सन् 1913 ई. में लाला हरदयाल तथा सोहन सिंह द्वारा गदर पार्टी का गठन यू.एस.ए. (सेन फ्रांसिस्को) में हुआ।

इंडियन इंडीपेंडेंस लीग – इंडियन इंडीपेंडेंस लीग की स्थापना रासबिहारी बोस द्वारा 1942 ई. में जापान में की गयी।

समाचार पत्रों तथा पत्रिकाओं का प्रकाशन – इस काल में प्रकाशित होने वाले महत्त्वपूर्ण समाचार पत्र तथा पत्रिकाएं निम्नलिखित थी

युगांतर (1906), वरींद्र कुमार घोष तथा भूपेन्द्र दत्त द्वारा बंगाल में ।

संध्या (1906), बंगाल में ब्राह्मोबांधव उपाध्याय द्वारा।

कल (1906), महाराष्ट्र में।

इंडियन सोशियोलॉजिस्ट, श्यामजी कृष्ण वर्मा द्वारा लंदन से।

वंदे मातरम मैडम कामा द्वारा पेरिस से।

तलवार वीरेंन्द्रनाथ चट्टोपाध्याय द्वारा बर्लिन से।

फ्री हिन्दुस्तान, तारकनाथ दास द्वारा वैन्कूवर से।

गदर, गदर पार्टी द्वारा सैन फ्रैंसिस्को से।

लांगल तथा गजनवी (1927), गोपूचक्रवर्ती, तथा धरनी गोस्वामी द्वारा बंगाल में।

कीर्ति (1926), संतोष सिंह द्वारा पंजाब में।

क्रांति (1927), एस.एस. मिराजकर, के.एन.जोगलेकर तथा एस.वी.घाटे द्वारा महाराष्ट्र में।

बंदी जीवन, सचींद्रनाथ सान्याल द्वारा बंगाल में

आत्मशक्ति, सारथि, धूमकेतु, बिजोली इत्यादि बंगाल में।

अत्याचारी अधिकारियों की हत्या

इस काल में क्रांतिकारियों द्वारा अत्याचारी अधिकारियों की हत्या करने के कई सफल तथा असफल प्रयास किए गए, जो निम्न प्रकार से थे –

दो अलोकप्रिय अंग्रेज अधिकारियों (मिस्टर रैंड तथा लेफ्टिनेंट येर्स्ट) की 1897 ई. में चापेकर बंधुओं (दामोदर तथा बालकृष्ण) द्वारा हत्या कर दी गयी।

1906 में पूर्वी बंगाल के लेफ्टिनेंट गवर्नर (फूलर) की वीरेन्द्र कुमार घोष तथा भूपेन्द्रनाथ दत्त द्वारा हत्या का असफल प्रयास किया गया।

1908 ई. में खुदीरामबोस तथा प्रफ्फुल चाकी द्वारा केनेडी की हत्या, यद्यपि इसका निशाना मुजफ्फरपुर का जॉन किंग्सफोर्ड था जो सही सलामत बच गया (केनेडी की हत्या के बाद अरबिन्दो घोष सहित कई क्रांतिकारी गिरफ्तार किए गए)।

नई राजधानी दिल्ली में अपनी अधिकारिक प्रवेश के समय 1912 ई. में लॉर्ड वायसराय रासबिहारी बौस तथा सचिन सान्याल द्वारा हत्या का प्रयास किया गया।

1909 ई. में मदनलाल धीगंरा द्वारा इंडिया ऑफिस के एक अधिकारी कर्नल वीली की हत्या कर दी गयी।

भगतसिंह, आजाद तथा राजगूरु, द्वारा लाला लाजपत राय पर हुए हमले के बदले में दिसंबर 1928 ई. को सॉन्डर्स की हत्या कर दी गयी।

भगतसिंह तथा बटुकेश्वर दत्त द्वारा केन्द्रीय विधान सभा पर अप्रैल 1929 ई. में बम फेंका गया।

हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के कुछ सदस्यों द्वारा दिसंबर, 1929 ई. को लॉर्ड इरविन की ट्रेन को दिल्ली के नजदीक उङाने का असफल प्रयास किया गया।

बंगाल में टिप्पेरा के जिलादंडाधिकारी मिस्टर स्टीवन की दो स्कूली छात्राओं शांति एवं सुनीति चौधरी द्वारा सितंबर 1932 में हत्या कर दी गयी।

जतिन मुखर्जी (जो बग्धा जतिन के नाम से लोकप्रिय था) के नेतृत्व में बंगाल के क्रांतिकारियों द्वारा रेलवे तथा संचार व्यवस्था को तोङ – फोङ करने तथा फोर्ट विलियम पर कब्जा करने की योजना बनाई गई। जतिन की अंग्रेजों से लङते हुए बालासोर (उङीसा) में सितंबर 1915 ई. में मृत्यु हो गई तथा सहयोग की कमी के कारण योजना असफल हो गयी।

रासबिहारी बोस, सचिन सान्याल तथा अन्य गदरवादियों द्वारा फिरोजपुर, लाहौर एवं रावलपिंडी की रक्षक सेनाओं के विद्रोह पर आधारित एक सहयोगी विद्रोह करने की 21 फरवरी, 1915 ई. की योजना, धोखे-बाजी के कारण विद्रोह की असफलता, रासबिहारी बोस जापान भाग गए एवं सान्याल को आजीवन कालेपानी की सजा हुई।

जिम्मरमैन योजना के अंतर्गत जर्मन विदेश कार्यालय के सहयोगी से वीरेन्द्रनाथ चटर्जी, भूपेन्द्रनाथ दत्त तथा लाला हरदयाल द्वारा 1915 ई. में बर्लिन में इंडिया इंडीपेंडस कमेटी का गठन किया गया।

महेन्द्रप्रताप, बरकतउल्लाह (गद रपार्टी का एक कार्यकर्त्ता),ओबेदुल्ला सिंधी (एक देवबंद मुल्ला) द्वारा स्वतंत्र भारत की अस्थायी सरकार का 1915 ई, में काबुल में गठन हुआ।

सूर्य सेन के नेतृत्व में क्रांतिकारियों द्वारा 1930 ई. में चित्तगौंग शस्रागार पर कब्जा तथा इंडियन रिपब्लिकन आर्मी के नाम से स्वतंत्रता घोषणा पत्र जारी किया गया।

जतिनदास की 1929 ई. में आत्मबलिदान राजनैतिक कैदियों की स्थिति में सुधार के लिये भूख हङताल के 64 वें दिन जेल में मृत्यु हो गयी।

अंग्रेजों द्वारा भगतसिंह, सुखदेव तथा राजगुरु को 23 मार्च, 1931 ई. को फांसी दे दी गयी।

इलाहाबाद के एक सार्वजनिक पार्क में पुलिस के साथ मुठभेङ में 1931 ई. में चंद्रशेखर आजाद की मृत्यु।

सूर्य सेन की 1933 ई. में गिरफ्तारी तथा उन्हें कुछ ही दिनों के बाद फांसी दे दी गई।

जतींद्रनाथ बंदोपाध्याय अपने जीवन के अंतिम दिनों में रामकृष्ण मिशन के स्वामी बनाए गए।

References :
1. पुस्तक- भारत का इतिहास, लेखक- के.कृष्ण रेड्डी

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