इतिहासत्रिपुरी का कलचुरि राजवंशप्राचीन भारत

डहाल कलचुरि वंश के शासक शंकरगण का इतिहास

डहाल कलचुरि वंश का संस्थापक कोक्कल के 18 पुत्र थे। इनमें उसका सबसे बङा पुत्र शंकरगण उसकी मृत्यु के बाद (878ईस्वी से 888ईस्वी के बीच) चेदि वंश का राजा बना। उसने दक्षिणी कोशल के सोमवंशी शासक को हराकर पाली पर अधिकार कर लिया तथा अपने एक छोटे भाई को वहाँ का राज्यपाल नियुक्त किया। इस समय राष्ट्रकूट नरेश कृष्ण द्वितीय वेंगी के पूर्वी चालुक्य नरेश विजयादित्य तृतीय के साथ संघर्ष में उलझा हुआ था। शंकरगण एक सेना के साथ कृष्ण द्वितीय की सहायता के लिये गया, परंतु विजयादित्य ने दोनों की सम्मिलित सेनाओं को किरणपुर में परास्त कर दिया। उसके बाद चालुक्यों ने किरणपुर (बालाघाट, मध्यप्रदेश) को जला दिया।

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इस पराजय से शंकरगण को गहरा धक्का लगा। बिल्हारी अभिलेख शंकरगण को मलय देश पर आक्रमण करने का श्रेय देता है, परंतु यह उल्लेख संदिग्ध है। उसने अपनी पुत्री लक्ष्मी का विवाह राष्ट्रकूट नरेश कृष्ण द्वितीय के पुत्र जगत्तुंग के साथ किया था।

References :
1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव 

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