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प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल देवगढ़

उत्तर प्रदेश के ललितपुर(प्राचीन झाँसी) जिले में जाखलीन रेलवे स्टेशन के निकट देवगढ़ नामक स्थान स्थित है। यहाँ से गुप्त काल में बना हुआ भगवान विष्णु का प्रसिद्ध मन्दिर, जिसे दशावतार मन्दिर कहा जाता है। इसकी गणना भारत के सर्वश्रेष्ठ मन्दिरों में की जाती है। मन्दिर इस समय खण्डित अवस्था में है किन्तु इससे ज्ञात होता है कि गुप्त युग में यह अत्यन्त भव्य एवं सुन्दर रहा होगा। मन्दिर का निर्माण ऊँचे तथा चौड़े चबूतरे पर हुआ है। इसके गर्भगृह का प्रवेशद्वार अत्यन्त कलापूर्ण है जिसे द्वारपालों, नदी-देवताओं आदि की मूर्तियों से सजाया गया है। उष्णीश(Goping) के मध्य भाग में चतुर्मुखी विष्णु को आसीन दिखाया गया है। दीवारों पर शेषशायी विष्णु, नर-नारायण, गजेन्द्रमोक्ष आदि के सुन्दर दृश्य खुदे हुए है।

गुप्त कालीन प्रसिद्ध मंदिर

राम एवं कृष्ण की विविध लीलाओं का प्रदर्शन भी मिलता है। इस मन्दिर में मूलतः एक शिखर बना था जो अब नष्ट हो गया है। इसके पूर्व के मन्दिरों में शिखरों का अभाव है। इस मन्दिर को गुप्त-वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है।

देवगढ़ पहाड़ी पर गुप्तकाल से लेकर पूर्व मध्य युग तक अनेक मन्दिरों तथा मूर्तियों का निर्माण हुआ। जैन वास्तु तथा तक्षण की दृष्टि से भी यह स्थान महत्वपूर्ण है। यहाँ एक दुर्ग के विशाल घेरे में 31 जैन मन्दिर मिलते है। विष्णु मन्दिर के अतिरिक्त यहाँ के कुछ अन्य प्रमुख मन्दिर गोमटेश्वर, भरत, चक्रेश्वरी, पद्मावती, ज्वालामालिनी, पंच परमेष्ठी आदि है। इनमें अनेक हिन्दू तथा जैन मूर्तियाँ मिलती है।

References :
1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
2. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास, लेखक-  वी.डी.महाजन 

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