मौखरि शासक ईशानवर्मा का इतिहास
मौखरियों को सामंत स्थिति से स्वतंत्र स्थिति में लाने का श्रेय मौखरि शासक ईशानवर्मा को जाता है। जिसने 550 से 574 ईस्वी तक शासन किया था। यह ईश्वरवर्मा का पुत्र था। ईशानवर्मा ने महाराजाधिराज की उपाधि धारण की थी। इस उपाधि से ईशानवर्मा की स्वतंत्र स्थिति का पता चलता है।
हरहा अभिलेख ईशानवर्मा की विजयों का विवरण इस प्रकार देता है – उसने आंध्राधिपति को जिसकी सेना में सहस्रों मतवाले हाथी थे, जीतकर, शूलिकों को, जिनकी सेना में छलांग मारने वाले असंख्य घोङे थे, युद्ध भूमि में परास्त कर, तथा गौङों का स्थल भूमि के साथ संबंध छुङाकर भविष्य में समुद्र का आश्रय लेने के लिये बाध्य करते हुए अपने सिंहासन को जीता था।
इन पराजित शक्तियों में आंध्रों की पहचान पूर्वी दकन के विष्णुकुण्डिनवंश से की गयी है।
मौखरि वंश की जानकारी के लिये इतिहास के साधन
रायचौधरी के अनुसार आंध्रनरेश विष्णुकुण्डिनवंशी माधववर्मन प्रथम हैं। अफसढ लेख के अनुसार उसने हूणों को पराजित किया था। इन विजयों के परिणामस्वरूप ईशानवर्मा की शक्ति और प्रतिष्ठा काफी बढ गयी।
जिस समय वह अपनी शक्ति का विस्तार कर रहा था, उसी समय उत्तरगुप्तों ने भी गुप्तों की अधीनता में अपनी स्वतंत्रता घोषित कर दी। दोनों ही समान रूप से महत्त्वांकाक्षी थे। अतः दोनों राजवंशों का तीन पीढियों से चला आ रहा मैत्री संबंध शत्रुता में परिणत हो गया।
अफसढ अभिलेख के अनुसार कुमारगुप्त और ईशानवर्मा के बीच भीषण युद्ध हुआ, जिसमें कुमारगुप्त ने ईशानवर्मा को परास्त कर मगध को मौखरियों से छीन लिया। मगध के हाथ से निकल जाने के बाद मौखरियों का राज्य कन्नौज के आस-पास के क्षेत्र तक ही सीमित होकर रह गया।
गुप्तोत्तर शासक कुमारगुप्त का इतिहास
ईशानवर्मा का धर्म
ईशानवर्मा वैदिक धर्म का पोषक था तथा उसने समाज में वर्णाश्रम धर्म की प्रतिष्ठा की थी।
मौखरि वंश के शासक ईशानवर्मा से संबंधित महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उत्तर
मौखरियों को सामंत स्थिति से स्वतंत्र स्थिति में लाने वाला कौन मौखरि शासक था
अफसढ अभिलेख किस राजवंश की जानकारी प्रदान करता है
ईशानवर्मा किस धर्म का पोषक था
जिस समय मौखरि शासक ईशानवर्मा अपनी शक्ति का विस्तार कर रहा था, उसी समय कौन गुप्तोत्तर शासक अपनी शक्ति को बढाने में लगा हुआ था तथा ईशानवर्मा के साथ युद्ध भी किया था
References : 1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
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