कन्नौज का मौखरि राजवंश के इतिहास की जानकारी के साधन
यशोधर्मन् की मृत्यु के बाद आर्यावर्त्त का शासन मौखरियों के अधिकार में आया। वस्तुतः परवर्ती गुप्तों के ही समान मौखरी भी चक्रवर्ती गुप्त वंश के सामंत थे तथा गुप्त सत्ता के निर्बल होने पर उन्होंने भी अपनी स्वतंत्रता घोषित कर दी। मौखरी गया जिले के निवासी थे।
कन्नौज में उन्होंने एक राज्य स्थापित कर लिया और उनके समय में मगध के स्थान पर कन्नौज राजनीतिक गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र बन गया था।
मौखरिवंश की जानकारी प्राप्त करने के लिये इतिहास के साधन निम्नलिखित हैं
इस वंश का इतिहास जानने के लिये साहित्य तथा पुरातत्व दोनों ही साधन सहायक हैं।
साहित्यिक स्रोत
साहित्य के अंदर बाणभट्ट के हर्षचरित का उल्लेख किया जा सकता है।
यह ग्रंथ वर्द्धन वंश के इतिहास का विवरण भी प्रस्तुत करता है। इस रचना से हम मौखरी शासक अवंतिवर्मा, ग्रहवर्मा आदि के काल की घटनाओं की जानकारी प्राप्त करते हैं।
वर्द्धन – मौखरि संबंध तथा मालव नरेश देवगुप्त द्वारा ग्रहवर्मा के वध की घटना का ज्ञान हर्षचरित से प्राप्त होता है। इसका उल्लेख प्राप्त होता है।
पुरातात्विक स्रोत
पुरातात्विक स्रोतों में अभिलेख तथा सिक्कों का उल्लेख किया जाता है।
मौखरि वंश की जानकारी देने वाले अभिलेख निम्नलिखित है-
हरहा का लेख
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में स्थित हरहा नामक स्थान से यह लेख मिला है। इसकी खोज 1915 ईस्वी में एच.एन. शास्री ने की थी। यह लेख मौखरी नरेश ईशानवर्मा के पुत्र सूर्यवर्मा द्वारा खुदवाया गया। इस लेख के अध्ययन से हम इस वंश के प्रथम चार शासकों हरिवर्मा, आदित्यवर्मा, ईश्वरवर्मा तथा ईशानवर्मा के शासन काल की घटनाओं का ज्ञान प्राप्त होता हैं।
जौनपुर का लेख
यह लेख जौनपुर की मस्जिद के दरवाजे पर खुदा हुआ है। इसमें इस वंश के प्रथम तीन शासकों – हरिवर्मा, आदित्यवर्मा और ईश्वरवर्मा के नाम तथा उनके कार्यों का विवरण मिलता है।
असीरगढ का मुद्रा लेख
यह असीहगढ (बरार) से प्राप्त एक ताम्रमुद्रा के ऊपर खुदा हुआ है तथा इस वंश के पाँचवें शासक सर्ववर्मा के समय का है।
बराबर तथा नागार्जुनी के लेख
गया जिले में बराबर तथा नागार्जुनी पहाङियों से मौखरिवंश के तीन लेख मिले हैं। इनमें तीन राजाओं – यज्ञवर्मा, शार्दूलवर्मा तथा अनंन्तवर्मा के नाम मिलते हैं। ये बिहार की मौखरि शाखा के थे।
वङवा यूप अभिलेख
राजस्थान के वङवा नामक स्थान से यज्ञयूप पर खुदे हुये कुछ लेख मिले हैं। इनमें राजस्थान की मौखरि शाखा का ज्ञान प्राप्त होता है।
सोहनाग का लेख
देवरिया जिला जो उत्तर प्रदेश में स्थित है। यहां के सोहनाग नामक स्थान से एक लेख मिला है, जिससे मौखरि वंश के इतिहास की जानकारी प्राप्त होती है।
सिक्के
फैजाबाद जिले के भिटौरा नामक स्थान से मौखरि मुद्राओं का एक ढेर प्राप्त हुआ है। कुछ मुद्राओं पर राजाओं के नाम के साथ-2 तिथियाँ भी खुदी हुई हैं।
Reference : https://www.indiaolddays.com