हर्षचरित
- नवम्बर- 2019 -16 नवम्बरइतिहास
राजपूतों के प्रमुख राजवंश – गुर्जर-प्रतिहार वंश के इतिहास के साधन, उत्पत्ति
इस वंश की प्राचीनता 5वी.शता. तक जाती है। पुलकेशिन द्वितीय के ऐहोल लेख में गुर्जर जाति का उल्लेख सर्वप्रथम हुआ…
Read More » - 12 नवम्बरइतिहास
प्राचीन भारतीय राजत्व की विशेषताएँ
अति प्राचीन काल से ही भारतीयों ने राजा एवं राजपद की महत्ता को समझा एवं सामाजिक व्यवस्था के लिये उसे…
Read More » - 4 नवम्बरइतिहास
सामंती व्यवस्था का उल्लेख करने वाले स्रोत
बाण अपने हर्षचरित में अनेक प्रकार के सामंतों का उल्लेख करते हैं। इनमें से, सामंत सबसे छोटा साधारण अधीनस्थ होता…
Read More » - 1 नवम्बरइतिहास
बाणभट्ट के बारे में जानकारी
इनके दो प्रमुख ग्रंथ हैं, जो संस्कृत भाषा में रचित हैं: हर्षचरितम् तथा कादम्बरी। हर्षचरितम् , राजा हर्षवर्धन का जीवन-चरित्र…
Read More » - अक्टूबर- 2019 -31 अक्टूबरइतिहास
हर्षचरित की रचना किसने की थी
पहले अध्याय का कोई ऐतिहासिक महत्त्व नहीं है।इसमें स्वयं (बाणभट्ट) के जीवन और परिवार से संबंधित जानकारी मिलती है। दूसरे…
Read More » - 27 अक्टूबरइतिहास
गौड़ नरेश शशांक कौन था
सर्वप्रथम शशांक इतिहास में एक क्रूर हत्यारे के रूप में उपस्थित होता है। हर्षचरित से पता चलता है, कि उसने…
Read More » - 25 अक्टूबरइतिहास
हर्ष के समय में सामाजिक जीवन
ब्राह्मण जन्मन्ना श्रेष्ठता का दावा करते थे, कर्मणा नहीं। हर्षचरित में एक स्थान पर कहा गया है, केवल जो जन्म…
Read More » - 25 अक्टूबरइतिहास
हर्ष के समय में आर्थिक दशा
कश्मीर से होकर मध्य एशिया तथा चीन तक पहुँचा जाता था। पूर्वी भारत में ताम्रलिप्ति तथा पश्चिमी भारत में भङौंच…
Read More » - 24 अक्टूबरप्राचीन भारत
हर्ष के समय धर्म तथा धार्मिक जीवन
उसने बौद्ध विहार एवं स्तूप भी निर्मित करवाये थे। हर्ष बौद्ध भिक्षुओं एवं श्रमणों का सम्मान करता तथा समय-2 पर…
Read More » - 24 अक्टूबरइतिहास
हर्ष की प्रशासन व्यवस्था कैसी थी
बंसखेङा तथा मधुबन के दानपत्रों में हर्ष अपनी प्रजावत्सल भावनाओं को इस प्रकार व्यक्त करता है -
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