हर्षचरित
- अक्टूबर- 2019 -23 अक्टूबरप्राचीन भारत
हर्षकालीन संस्कृति का इतिहास
हर्ष के समय में भी शासन व्यवस्था का स्वरूप राजतंत्रात्मक था। राजा अपनी दैवी उत्पत्ति में विश्वास करता था। वह…
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हर्षवर्धन का सिंध के साथ युद्ध
हुएनसांग के विवरण से पता चलता है, कि सिंध देश का राजा जाति से शूद्र था और बौद्ध धर्म में…
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हर्षवर्धन का नेपाल के साथ कैसा संबंध था
हर्ष ने नेपाल की विजय की थी राधाकुमुद मुकर्जी के अनुसार नेपाल में हर्ष संवत् का प्रचलन था, जो वहाँ…
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हर्षवर्धन द्वारा किये गये युद्ध एवं विजये
- यदि कुछ ही दिनों में धनुष चलाने की चपलता के घमंड में भरे हुए समस्त उद्धत राजाओं के पैरों…
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हर्षवर्धन तथा उसका प्रारंभिक जीवन
बाण के अनुसार यशोमती के गर्भ तथा ह्रदय में एक साथ ही हर्ष का उदय उसी प्रकार हुआ, जिस प्रकार,…
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वर्धन वंश के शासक प्रभाकरवर्धन का इतिहास
प्रभाकरवर्द्धन एक शक्तिशाली राजा था। उसकी उपलब्धियों का विवरण बाण के हर्षचरित में इस प्रकार से मिलता है - वह…
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थानेश्वर के वर्द्धन वंश को जानने के लिए इतिहास के साधन
र्षचरित में 8 अध्याय अथवा खंड हैं। इन्हें उच्छवास कहा जाता है। प्रथम तीन में बाण ने अपनी आत्मकथा लिखी
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मौखरि वंश तथा उत्तरगुप्त वंश के बीच संबंध कैसे थे
गुप्त वंश के पतन के बाद उत्तर भारत में जो शक्तियाँ स्वतंत्र हुई, उनमें कन्नौज के मौखरि तथा मगध और…
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मौखरि शासक अवंतिवर्मा का इतिहास
नालंदा मुद्रालेख में उसे महाराजाधिराज कहा गया है। मुद्राराक्षस से पता चलता है, कि उसने म्लेच्छों (हूणों) को जीता था।…
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मौखरि शासक ग्रहवर्मा का इतिहास
अब हुआ यह कि इस वैवाहिक संबंध से दोनों वंशों मौखरि तथा वर्द्धन वंश में घनिष्ठता स्थापित हो गयी। वहीं…
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